उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जिसमें एकनाथ शिंदे को आधिकारिक शिवसेना के रुप में मान्यता दी गई. उधर शनिवार को एकनाथ शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट मे कैविएट दाखिल कर मांग की है कि बिना उनका पक्ष सुने किसी भी तरह का एकतरफा फैसला ना लिया जाए. शुक्रवार को केन्द्रीय चुनाव आयोग ने अपने फैसले में शिवसेना पार्टी और चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट को इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी थी. चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के हक में फैसला सुनाते हुए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी की तरफ से की गई एक गलती को उजागर किया था.
चुनाव आयोग के फैसले को उद्वव गुट की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीजेआई से जल्द सुनवाई की मांग की हैं. सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि आज इस केस की मेंशनिंग लिस्ट में नाम नहीं है इसलिए कल आप इसे मेंशन कीजिए. चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के हक में फैसला सुनाते हुए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी की तरफ से की गई एक गलती को उजागर कि थी.
आयोग ने कहा कि 2018 में शिवसेना पार्टी के संविधान में बदलाव की सूचना चुनाव आयोग को नही दी गई थी. आयोग ने पाया है कि शिवसेना पार्टी की तरफ से 2018 में पार्टी संविधान में किए गए बदलाव लोकतंत्र के अनुकूल नहीं है. हालांकि, ठाकरे गुट इस फैसले से पूरी तरह नाखुश है. इसके साथ ही 2000 करोड़ के सौदे का भी आरोप लगाया है. बता दें कि, शिवसेना का चुनाव चिन्ह इस समय महाराष्ट्र में सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना हुआ हैं. जबसे चुनाव आयोग का फैसला एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में आया है तब से ठाकरे गुट के नेताओं की ओर से लगातार बयानबाजी जारी हैं।
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