पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण की जमानत के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज

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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अंडमान व निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण की जमानत के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया हैं. बता दें, कि पूर्व मुख्य सचिव पर एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था. इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट की पोर्ट ब्लेयर सर्किट पीठ ने पूर्व मुख्य सचिव को जमानत दे दी थी. हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस ए अमानुल्ला की पीठ ने अंडमान निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज की. साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को सुनवाई में तेजी लाने का भी निर्देश दिया है और सभी संबंधित पक्षों को सहयोग देने को भी कहा है. अभियोजन पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दलील दी कि पूर्व मुख्य सचिव को जमानत देने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि रिकॉर्ड में उपलब्ध सामग्री के आधार पर उनके खिलाफ prima facie मामला बनता है. वहीं आरोपी के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल को फंसाया गया है और इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।

बता दें, एक 21 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया है कि जितेंद्र नारायण ने सरकारी नौकरी दिलाने का वादा कर उसे अपने आवास पर बुलाया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया. महिला ने अक्तूबर 2022 में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद 10 नवंबर 2022 को जितेंद्र नारायण को गिरफ्तार किया. जितेंद्र नारायण के खिलाफ जब शिकायत हुई, उस वक्त वह दिल्ली वित्तीय निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पद पर तैनात थे। गिरफ्तारी के बाद बीते साल अक्तूबर में सरकार ने जितेंद्र नारायण को निलंबित कर दिया था। इस मामले में एसआईटी ने बीती तीन फरवरी को 935 पेज की चार्जशीट दायर की थी।

Bhawna
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