आज इस रिपोर्ट में हम जो आपको बताने वाले हैं वो बात सुनकर शायद आपको मजाक लगे.लेकिन वो बहुत जरुरी बात हैं. आपने ये तो बहुत सुना होगा कि Robot Restaurant में खाना सर्व करने के साथ ही वहां आने वाले ग्राहक को Attend करते हैं.लेकिन कैसा होगा जब रोबोट कोर्ट में जाकर आपके लिए कोर्ट में जाकर बहस करें.
आप भी सोच रहे होंगे की ऐसा कैसे हो सकता हैं.कैसे एक मशीन कोर्ट में केस लड़ सकती हैं. शुरू से ही माना गया है, कि मशीन और इंसान में एक बड़ा अतंर ये होता हैं कि मशीन काम कर सकती हैं लेकिन वह अपने दिमाग से सोच नहीं सकती. वह उतना ही काम करती हैं जितान उसके डेटा में फीड किया जाता हैं. लेकिन Technology के इस दौर में सब मुमकिन कर दिया हैं. जी हां,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए ये भी पॉसिबल है कि मशीनें तर्क और बहस भी करने लगें. हमारे पास ऐसा कहने के लिए एक वाजिब वजह भी है.
पहली बार बहस करने का काम भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को दिया जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाला वकील अगले महिने में अपना पहला केस भी लड़ने जा रहा है, वह अपने क्लाइंट को चलान से बचाने के लिए केस लड़ेगा. आम वकीलों की तरह रोबोट वकील भी सुनवाई के समय अपने क्लाइंट को हेडफोन के ज़रिए ये भी बताएगा कि उसे कोर्ट में क्या कहना है. हालांकि इसकी सही तारीख या कोर्ट के बारे में अभी तक पता नहीं चला है.
इस AI वाले रोबोट को ‘DoNotPay’ नाम के स्टार्टअप ने बनाया है, ये फोन से अपना काम करेगा और कोर्ट की सारी बहस को रियल टाइम में सुन सकेगा.इस चैटबोट का नाम DoNotPay है.इसे साल 2015 में जोशुआ ब्राउडर ने बनाया था. पहले इसका काम सिर्फ कंज्यूमर्स को लेट फीस और फाइन के बारे में बताना था लेकिन अब वो केस लड़ने के लिए भी तैयार हो चुका है.
जोशुआ ब्राउडर का कहना है कि यूरोपियन कोर्ट में मानवाधिकार के लिए लड़ने वाले कई अच्छे वकील हैं लेकिन उनकी फीस इतनी ज्यादा है कि अफोर्ड नहीं की जा सकती हैं तो, ऐसे में चैटबोट के ज़रिए केस लड़ना थड़ा सस्ता होगा.ये डॉक्यूमेंटेशन के लिए कम पैसे चार्ज करेगा. इसकी फीस केस के मुताबिक 20 हज़ार से 1 लाख रुपये तक हो सकती है. तो यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि एक रोबोट केस कैसे लड़ेगा.