यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले पर लगा एक लाख का जुर्माना

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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 2007 में दर्ज हुए एक मामले को खुलवाने को लेकर बार-बार याचिका दायर करने वाले व्यक्ति पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक लाख का जुर्माना लगाया है. हाई कोर्ट ने अधिकारियों को इस व्यक्ति के बैंक अकाउंट की जांच करने के लिए भी निर्देश दिया.यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 2007 में दर्ज हुए एक मामले को फिर से खुलवाने के लिए एक याचिकाकर्ता इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए, उल्टा एक लाख का जुर्माना लगा दिया.

इलाहाबाद हाई कोर्ट जज दिनेश कुमार सिंह ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 482 (हाई कोर्ट की शक्तियां) के तहत परवाज़ और अन्य की याचिका को खारिज कर दिया और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जिसे चार सप्ताह के भीतर सेना कल्याण कोष में जमा करना होगा. ऐसा न करने पर याचिकाकर्ता की संपत्ति से भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल किया जाएगा.

जानें पूरा मामला

गोरखपुर में 27 जनवरी, 2007 में मुहर्रम के जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हुई. जिसमें एक हिंदू युवक की मौत हो गई थी. याचिकाकर्ता परवेज परवाज जो पेशे से पत्रकार हैं, ने 26 सितंबर, 2008 को एक शिकायत दर्ज की, जिसमें उन्होने आरोप लगाया कि बीजेपी के तत्कालीन स्थानीय सांसद योगी आदित्यनाथ ने युवक की मौत का बदला लेने के लिए विवादित भाषण दिया था और उसका वीडियो भी उनके पास है. इसके बाद राज्य सरकार ने मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया. सरकार के फैसले को याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में चुनौती दी.

हाई कोर्ट ने भी इस याचिका खारिज कर दिया हैं. याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका को खारिज कर दिया हैं. याचिकाकर्ता ने ट्रायल कोर्ट के 11 अक्टूबर, 2022 के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट ने दंगा मामले में पुलिस की फाइनल रिपोर्ट के खिलाफ विरोध याचिका खारिज कर दी थी.

राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष गोयल ने तर्क दिया कि याचिका में उठाए गए मुद्दे और इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट तक अंतिम रूप प्राप्त कर चुके थे. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को एक ही मुद्दे को बार-बार उठाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. याचिका में कहा गया कि मामले की विवेचना ठीक से नहीं हो रही. हाई कोर्ट ने संबंधित पक्षों को सुनने के बाद योगी के खिलाफ दर्ज मामले में जांच के लिए मंजूरी देने से इनकार कर दिया.

Bhawna
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