दिल्ली हाईकोर्ट में एस ब्लॉक बिल्डिंग का उद्घाटन

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दिल्ली हाईकोर्ट के एस ब्लॉक की बिल्डिंग का उद्घाटन मंगलवार को हुआ. इस मौके पर कानून मंत्री किरेन रिजीजू समेत सीजेआई डी वाई चंद्रचूड, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल व कई अन्य नेता शामिल हुए.

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड

जब मै 12 या 13 साल का था तो तब हाईकोर्ट की बिल्डिंग का उद्घाटन हुआ था… सर्किट कोर्ट की जगह हाईकोर्ट का उद्घाटन हुआ था।ज्यूडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए सभी को न्याय सुलभ कराया जा सके चाहे वो फिजिकल हो डिजिटल। आम आदमी सबसे पहले निचली अदालत मे जाता है लेकिन वहा बेसिक सुविधाओं का आभाव है। पहला की बिल्डिंग जो कोलोनियल टाइम मे बनती थी वो लोगो मे डर और आभाव का माहौल बनाती थी क्योकि वहां बहुत ही कम लोगो की पहुंच थी।आम आदमी के लिए कोर्ट वैसे ही एक तनाव का मामला होता है क्योकि वो अपनी समस्याओं को लेकर आता है लेकिन यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसा है कि लोगो को राहत नहीं मिल पाती।
महिला, दलित या कोई पिछडा हुआ वर्ग हो वहां का इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसा होना चाहिए जो सबके लिए सुगम हो।

कानून मंत्री किरेन रिजीजू

दिल्ली हाईकोर्ट मे और जगहो के मुकाबले जनसंख्या के अनुपात मे वकीलो की संख्या ज्यादा है… सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन मे हम अदालतो के डिजिटलाइजेशन पर काम कर रहे हैं। जस्टिस चंद्रचूण रिटायर होने से पहले ई कमेटी का काम पूरा कर जाएगे। जल्द ही अदालते पेपरलेस हो जाएंगी।5 करोड मुकदमो पेंडेसी चिंता का विषय है…

आज मद्रास हाईकोर्ट ने एक दिन मे सबसे ज्यादा जजमेंट देने का रिकॉर्ड बनाया ये बडी पहल है। कुछ ऐसी जिला अदालते है जिनकी स्थिति देखकर शर्म आती है कुछ तो बहुत अच्छी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीजे का कल एक पत्र मिला जिसमे एक ज्यूडिशियल ऑफिसर को तैनात किया है जो सीएम के साथ मिलकर ज्यूडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे मे देखेगा।

अरविंद केजरीवाल


दिल्ली की ज्यूडीशियरी का इंफ्रास्ट्रक्चर बेस्ट है देश में जिस चीज की प्राथमिकता ज्यादा होती है उसको ज्यादा फंड मिलते है पिछले सात साल मे तीन गुना फंड बढाया है हमारी नीयत है ज्यूडीशियरी को ज्यादा दे सकते है… ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर होगा उतनी ही इंडिपेंडेंट ज्यूडीशियरी काम कर सकेगी.स्टेज पर आज सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट केंद्र और राज्य सरकार मौजूद है.

इस देश का आम आदमी ज्यूडीशियरी के.पास जाता.है न्याय मिलने मे बहुत समय लग जाता.हो बहुत कमेटी बन चुकी है एक प्रस्ताव रखते है कि दिल्ली को पायलट बना लेते है कोई भी केस 6 महीने से ज्यादा नही चलना चाहिए इसके लिए फंड के लिए हम तैयार है ।हमने दिल्ली मे शिक्षा हेल्थ मे जो काम किया उसकी तारीफ हो रही है हम चाहते है कि ज्यूडीशियरी मे भी लोगो के सामने लाना चाहते है जिसकी तारीफ हो

उप राज्यपाल, वीके सक्सेना

स्पीडी जस्टिस मे सबका सहयोग जरूरी है..इंफ्रास्ट्रक्चर अगर अच्छा है तो लोगो को न्याय मिलने मे आसानी होती है। कई कोर्ट मे हमने भर्ती की है.आगे भी इसे बढाएगे चाहे ज्यूडिशियल ऑफिसर हो या ज्यूडिशियल स्टाफ हों।

जस्टिस संजय किशन कौल

30 साल तक जहां हमने काम किया.वहां आना अच्छा लगता है घर आना तो अच्छा ही लगता है… ये बार और बेंच के सहयोग से इसतरह के काम अच्छे तरीके से किया जा सकता है। दिल्ली में टैलेंट की कमी नहीं है। इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ साथ जजो की संख्या होना भी जरूरी है।

हरदीप सिंह पुरी

मै इस मौके को नहीं गवाना चाहता था मै दिल्ली वाला हू .. यहां काम किया है… अरविंद जीने एजुकेशन मॉडल और हेल्थ मॉडल की बात कही मै उसपर नहीं जा रहा मै कह रहा हू दिल्ली की जन्संख्या बहुत अधिक है झुग्गी जेजे क्लस्टर मे रहते है एक करोड पैतीस लाख घरो को डीडीए के जरिए घर देने की योजना है… हम विश्व की पांचवी बडी अर्थव्यवस्था है.. एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले तीन चार साल मे हम तीसरे नंबर पर पर होंगे… न्याय सभी के लिए जरूरी है…
जस्टिस डिलिवरी सिस्टम बहुत जरूरी है।

Bhawna
Bhawna

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