Lakhimpur Rape: रेप के मामलों की सुनवाई के लिए सरकार ने बढ़ाए फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट, फिर भी नहीं थम रही घटनाएँ

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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले से मानवता को शर्मशार कर देने वाली घटना सामने आई है। निघासन में पेड़ से लटकते मिले 2 बहनों के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार के बाद गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने 376, हत्या 302 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

बदायूं रेप केस

इससे पहले 2014 में भी उत्तर प्रदेश के बदांयू जिले से ऐसी ही घटना सामने आई थी। जब शौच के लिए खेत की ओर जा रही 12 और 14 वर्ष की दो चचेरी बहनों के साथ दबंग आरोपियों ने पहले बलात्कार किया और फिर हत्या कर उनकी लाशें पेड़ पर लटका दी।   

एक नजर आंकड़ों पर

नैशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में देश में रेप के कुल 31,677 मामले सामने आये, यानी हर दिन औसतन 86 रेप। वहीं नाबालिग़ों के साथ बलात्कार के कुल 3000 से ऊपर घटनाएं रिपोर्ट की गई। राज्‍यवार बात करें तो सर्वाधिक 6,342 रेप की घटनाएं सिर्फ राजस्‍थान में दर्ज की गई हैं। इसके बाद मध्‍य प्रदेश में 2,947,  उत्‍तर प्रदेश में 2,845 और महाराष्‍ट्र में 2,506 मामले दर्ज किए गए हैं। देश की राजधानी दिल्‍ली में ही पिछले साल 1251 रेप के मामले घटित हुए हैं।

गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2018 में बलात्कार के मामलों में कन्विक्शन की दर 27.2% थी। एक साल बाद यह 0.2% बढ़कर 27.4% हो गया। हालांकि, 2020 में, इसमें 12% की वृद्धि हुई जो 39.3% पहुँच गई।

बनाए गए फास्ट-ट्रैक कोर्ट

बलात्कार के मामलों में पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए सरकार ने 1,023 फास्ट-ट्रैक अदालतों को स्थापित करने की योजना शुरू की थी। इनमें से 389 अदालतें विशेष रूप से बच्चों से जुड़े यौन अपराध के लिए बनाए गए। लेकिन यह दुर्भाग्य है कि कोर्ट की तत्परता और सरकार के सकारात्मक कदम के बावजूद भी ऐसे मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

Prakher Pandey
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