जमीन पाने के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करना गलत-CJI डीवाई चंद्रचूड़

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सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि न्यायपालिका अपनी शक्तियों का इस्तेमाल वकीलों को चैंबर बनाने के लिए जमीन देने के लिए करेगी तो इससे गलत संदेश जाएगा. SCBA की ओर से दायर याचिका पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने सुनवाई की। दरअसल, SCBA के अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील विकास सिंह की ओर दाखिल की गई इस याचिका पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले का न्यायिक हल निकालने की जगह बार एसोसिएशन को कोर्ट पर भरोसा रखना चाहिए कि सरकार से इस विषय पर बात की जाएगी।

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने इस मामले में कहा कि वकील हमारे संस्थान का हिस्सा हैं. क्या हमें अपने समुदाय की रक्षा के लिए न्यायिक निर्देशों का इस्तेमाल करना चाहिए? यह बहुत ही गलत संदेश भेजता है कि न्यायपालिका अपनी शक्तियों का इस्तेमाल जमीन पाने के लिए कर रही है. आज यह जमीन है, कल कुछ और होगा. ऐसा नहीं लगना चाहिए कि कोर्ट अपनी न्यायिक शक्तियों का इस्तेमाल अपने हिसाब से कर रही है।

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SCBA की ओर से उठाए गए मुद्दे को सही मानते हुए CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमें चिंता नहीं है. हम इस बारे में सरकार से बात करेंगे. हमारी जरूरतें बढ़ रही हैं और हम उन्हें अपनी मांगों के लिए मनाने की कोशिश कर सकते हैं.

अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमण ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि प्रशासनिक प्रक्रिया के लचीलेपन का एक खास फायदा है. कोर्ट में हम हार सकते हैं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर बातचीत काफी आगे तक जाती है. वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कोर्ट में कहा कि हमारी इकलौती चिंता ये है कि मामले को किनारे न कर दिया जाए. याचिका दाखिल करने का उद्देश्य सरकार के साथ बातचीत शुरू करना ही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार हमारी जरूरतों को प्रशासनिक स्तर पर बहुत सावधानी से लेती है. न्यायपालिका को बिना कटौती के 7000 करोड़ रुपये दिए गए हैं, क्योंकि केंद्र ने महसूस किया कि ये समय की जरूरत है. ये ऐसे मामले हैं जिन पर हमें लगातार सरकार के साथ जुड़ना चाहिए।

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अगस्त 2022 में SCBA ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर वकीलों के चैंबर बनाने के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को 1.33 एकड़ जमीन दिए जाने के निर्देश देने की मांग की थी. इससे पहले इसी साल 2 मार्च को विकास सिंह CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने पेश हुए थे और कई बार बताए जाने के बावजूद मामले की सुनवाई न होने की शिकायत की. इस दौरान वरिष्ठ वकील सिंह ने तेज आवाज में कहा था कि जजों के घर के बाहर वकीलों का प्रदर्शन शुरू हो सकता है. जिस पर CJI ने सिंह से अपनी आवाज कम करने के लिए कहा था और चेतावनी दी थी कि इस तरह का व्यवहार सुप्रीम कोर्ट में नहीं चलेगा। 

शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद SCBA की ओर से CJI को फैसला सुरक्षित रखने के लिए एक धन्यवाद पत्र जारी किया गया. जिसमें कहा गया कि 70 साल के इंतजार के बाद बार की एक बड़ी जीत है। 

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