दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतपे के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर रहे अशनीर ग्रोवर को समन जारी किया है. यह समन भाविक कोलाडिया की ओर से दायर याचिका के मामले में जारी हुआ है. भाविक कोलाडिया कंपनी के ही दूसरे को-फाउंडर हैं. भाविक कोलाडिया ने अशनीर ग्रोवर को ट्रांसफर किए गए शेयर्स को री-क्लेम करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए शार्क टैंक सीजन 1 के जज रहे अशनीर ग्रोवर के साथ ही भारत पे को भी समन भेजा है.कोर्ट इस मामले पर सुनवाई 16 मार्च को करेगा.
दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस प्रतीक जालान की अदालत में इस मामले पर लगभग एक घंटे तक सुनवाई हुई. उसके बाद अदालत ने अशनीर ग्रोवर को निर्देश दिया है कि अगला आदेश आने तक वह 16,110 शेयरों को लेकर कोई थर्ड पार्टी अधिकार जारी नहीं कर सकते. इसके लिए ग्रोवर को हफ्ते में हलफनामा दायर करने को कहा गया है. वहीं, चार हफ्तों के भीतर उनसे इस मामले पर जवाब देने को कहा गया है. अदालत में भाविक कोलाडिया की ओर सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने दलीलें पेश की।
पूरा मामला
रोहतगी ने अदालत को बताया कि 3 दिसंबर 2018 को कोलडिया ने ग्रोवर से 88 लाख रुपये में अपने 1600 शेयर बेचने का सौदा किया था लेकिन उन्हें कोई भुगतान नहीं किया गया। अब इन शेयरों की संख्या 16000 के पार पहुंच चुकी हैं. कोलाडिया के अनुसार उसने ये शेयर ग्रोवर को वापस लौटाने के लिए दिए थे, ऐसे में इन शेयरों को ग्रोवर को सौंपे जाने की जरूरत नहीं है. वे इन शेयरों को वापस चाहते हैं क्योंकि वह सौदा ट्रांजेक्शन विदाउट कंसिडरेशन था. रोहतगी के अनुसार कोलाडिया इन शेयरों को वापस पाने के हकदार हैं. बता दें कि भारतपे एक अनलिस्टेड कंपनी है.