सुप्रीम कोर्ट ने कानून मंत्री किरण रिजिजू के बयान पर जताई नाराजगी

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कॉलेजियम द्वारा जजों की नियुक्ति के लिए सिफारिश किये गए जजों के नाम पर सरकार द्वारा फैसला नहीं लेने के मामले में सुप्रीम कोर्ट 8 दिसंबर को सुनवाई करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल और अटॉर्नी जनरल से कहा कि आप लोग सरकार से बात कीजिए और कहिए कि कॉलेजियम के द्वारा जिन नामों की सिफारिश की गई है सरकार उनपर फैसला करे। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कोर्ट से कहा कि कोर्ट को कॉलेजियम को लेकर कानून मंत्री के बयानों का संज्ञान लेना चाहिए। जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि हम कितने लोगों के कितने बयानों का संज्ञान लेंगे? जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि समान्यतया हम मीडिया में दिए गए बयानों का हम संज्ञान नहीं लेते।

लेकिन सवाल कॉलेजियम के द्वारा किये गए सिफारिशों पर सरकार द्वारा फैसला नहीं लेने का है। हमने इस पर अपनी नाराजगी जतायी थी। सिस्टम कैसे काम करेगा।जस्टिस कौल ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि सरकार NJAC पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश नहीं है। इसलिए सरकार जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की सिफारिशों पर निर्णय नहीं ले रही है। याचिका में कहा गया है कि उच्चतर न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली संविधान की उस भावना के खिलाफ है, जिसमें योग्य जजों को नियुक्त करने की बात कही गई है। कॉलेजियम प्रणाली जजों की नियुक्ति में एकाधिकारवादी साबित हो रही है। बतादें की सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 2015 में कॉलेजियम प्रणाली को सही करार दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कानून मंत्री किरण रिजिजू के बयान पर जताई नाराजगी। कहा कभी मत कहो कि सरकार फाइलों पर बैठी है; फिर नाम मत भेजो, तुम शो चलाओ।सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम को लेकर क़ानून मंत्री किरण रिजिजू के द्वारा दिये गए बयान पर नाराजगी जताई है।जिसमें रिजिजू ने कहा था कि यह कभी मत कहो कि सरकार फाइलों पर बैठी है।

Bhawna
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