भारत का संविधान विशेष हैं. संविधान और उसकी मूल संरचना को कई देशों ने अपने संविधान का आधार बनाया है. यह कहना है CJI D Y चंद्रचूड़ का. अमेरिकन बार एसोसिएशन की तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करते हुए समय CJI ने यह बात कही. इस सम्मेलन का विषय “लॉ इन एज ऑफ ग्लोकलाइजेशन: कन्वर्जेंस ऑफ इंडिया एंड द वेस्ट” था.
संविधान का जिक्र करते हुए CJI ने कहा कि जब इसका स्ट्रक्चर तैयार किया गया था तो संविधान निर्माताओं को नहीं पता था कि हम किस दिशा में आगे बढ़ने वाले है. उस समय कोई इंटरनेट, एल्गोरिदम और सोशल मीडिया नहीं था. “वैश्वीकरण ने अपने आप के असंतोष को जन्म दिया है. दुनियाभर में मंदी का अनुभव होने के कई कारण हैं. वैश्वीकरण विरोधी भावना में उछाल आया है जिसकी शुरुआत माने तो 2001 के आतंकी हमलों में दिखी हैं.
2001 मे हुए हमले ने दुनिया के सामने ऐसी कड़वी सच्चाई ला दि, जिसे भारत देखता आ रहा था. CJI ने सोशल मीडिया पर फैल रही झूठी खबरों के बारे मे कही कि इस दौर में सच का ही शिकार हो गया है. आप जो कुछ भी करते हैं उसके लिए आपको किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा ट्रोल किए जाने का खतरा होता है जो आपसे सहमत नहीं है.आजकललोगों में धैर्य और सहनशीलता की कमी हो रही है. कोविड महामारी को जिक्र करते हुए CJI ने कहा, “कोविड के समय देशों को अपनी सीमा बंद करने पर मजबूर होना पड़ा. आबादी में निचले स्तर पर रहने वाली आधी दुनिया को ग्लोबलाइजेशन का ज्यादा फायदा नहीं मिला. उनके लिए लोकलाइजेशन से उम्मीद बढ़ी लेकिन ग्लोबलाइजेशन से उनको काफी फायदा मिलेगा.
अंधेरे के उस पार की चीजें भी दिखने लगेंगी और मिलेंगी. कोविड ने डिजिटल मार्केट प्लेस और नए आइडियाज दिए, सस्टेनेबल डिवेलपमेंट के एजेंडा दिए. नए फ्रेम वर्क और टास्क दिए. कोविड महामारी को जिक्र करते हुए CJI ने कहा, “कोविड के समय देशों को अपनी सीमा बंद करने पर मजबूर होना पड़ा. आबादी में निचले स्तर पर रहने वाली आधी दुनिया को ग्लोबलाइजेशन का ज्यादा फायदा नहीं मिला. उनके लिए लोकलाइजेशन से उम्मीद बढ़ी लेकिन ग्लोबलाइजेशन से उनको काफी फायदा मिलेगा. अंधेरे के उस पार की चीजें भी दिखने लगेंगी और मिलेंगी. कोविड ने डिजिटल मार्केट प्लेस और नए आइडियाज दिए, सस्टेनेबल डिवेलपमेंट के एजेंडा दिए. नए फ्रेम वर्क और टास्क दिए.
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