Thursday, October 23, 2025
होमLegal KnowledgeTop Supreme Court Judgements of January 2025

Top Supreme Court Judgements of January 2025

Published on

Judgements

SC Judgements: महिला वायुसेना अफसर को सेवा में बहाल करने का आदेश

जनवरी की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय वायुसेना की एक महिला विंग कमांडर को सेवा में बनाए रखने का ऐतिहासिक फैसला दिया। यह अधिकारी ऑपरेशन सिंदूर और बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसे अहम मिशनों में शामिल रही थीं। अदालत ने कहा,

“राष्ट्र की सेवा करने वाली महिला अधिकारियों को अवसरों से वंचित नहीं किया जा सकता।”

यह निर्णय लैंगिक समानता की दिशा में एक अहम कदम माना गया। महिला अधिकारों के दृष्टिकोण से यह फैसला प्रेरणादायक है।


SC Judgements: न्यायपालिका में पारदर्शिता: न्यायाधीशों की संपत्ति का खुलासा

जनवरी में भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और नव नियुक्त CJI बी.आर. गवई सहित कई सुप्रीम कोर्ट जजों ने सार्वजनिक रूप से अपनी संपत्तियों का विवरण साझा किया। यह न्यायिक जवाबदेही और पारदर्शिता की दिशा में एक सराहनीय पहल रही।

CJI बी.आर. गवई द्वारा दलित समुदाय से पहले CJI बनने के साथ यह पहल और भी अधिक ऐतिहासिक बन गई।


SC Judgements:नोएडा भूमि अधिग्रहण: पूरी मुआवज़ा राशि देने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को 10,420 वर्ग मीटर ज़मीन के अधिग्रहण पर किसानों को पूरा मुआवज़ा देने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि

“किसी भी विकास परियोजना की कीमत किसानों के अधिकारों को कुचल कर नहीं चुकाई जा सकती।”

यह फैसला भूमि अधिग्रहण मामलों में न्याय का नया मानक स्थापित करता है। राष्ट्रीय खबरों की दृष्टि से यह निर्णय बेहद अहम रहा।


गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: ‘गाइडलाइंस नहीं मानने पर अवमानना’

जनवरी में एक याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के DGPs को स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि पुलिस गिरफ्तारी से जुड़ी कोर्ट की पूर्व गाइडलाइंस का पालन नहीं करती है, तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने कहा,

“अवैध गिरफ़्तारी नागरिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है।”

यह फैसला आरोपियों के अधिकार की रक्षा और पुलिस सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।


SC Judgements:न्यायिक सेवा में आरक्षण पर केंद्र को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से पूछा कि उच्च न्यायिक सेवाओं में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को उचित आरक्षण क्यों नहीं दिया जा रहा। कोर्ट ने कहा कि

“न्यायपालिका में विविधता लोकतंत्र की आत्मा है।”

यह निर्णय न्यायिक प्रतिनिधित्व और समान अवसर की मांग को बल देता है।


निष्कर्ष

जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों ने न केवल नागरिक अधिकारों की रक्षा की बल्कि न्यायपालिका की जवाबदेही और पारदर्शिता को भी मज़बूती दी। महिला सशक्तिकरण, भूमि अधिकार, न्यायिक सेवा में विविधता और अवैध गिरफ़्तारियों पर अदालत की टिप्पणियां लोकतंत्र को और मज़बूत बनाती हैं।

इन ऐतिहासिक फैसलों की विस्तृत कवरेज और विश्लेषण के लिए आप The Legal Observer की न्यूज़ और इनसाइट श्रेणियों पर नज़र रखें।


External Link:
जनवरी के इन सुप्रीम कोर्ट फैसलों पर एक्सपर्ट चर्चा यहाँ देखें –
👉 YouTube | The Legal Observer


Focus Keywords Used:

  • सुप्रीम कोर्ट
  • जनवरी 2025
  • टॉप जजमेंट
  • महिला अधिकार
  • भूमि अधिग्रहण
  • न्यायिक पारदर्शिता
  • गिरफ्तारी गाइडलाइंस
  • SC Judgements

Latest articles

Hindu Succession Act Excludes Scheduled Tribes | The Legal Observer

The Supreme Court reaffirms that the Hindu Succession Act does not apply to members of Scheduled...

Calcutta HC on Post-Retirement Departmental Proceedings | The Legal Observer

Calcutta High Court upholds post-retirement departmental proceedings under Rule 9(2), clarifies punishment possible for...

Supreme Court Acquits Dashwanth in 2017 Case | The Legal Observer

Supreme Court acquits Chennai man Dashwanth in 2017 minor rape-murder case, citing unfair trial...

Demolitions Without Trial: Bulldozer Justice in India | The Legal Observer

Are bulldozers replacing due process in India? A constitutional analysis of demolition drives, arbitrary...

More like this

Chhattisgarh HC on Divorce, Adultery, and Maintenance | The Legal Observer

Chhattisgarh High Court rules that a wife divorced on adultery grounds is barred from...

Learn the art of Cross-Examination: A simple guide for New Lawyers

कोर्ट में जिरह कैसे करें: New Lawyers के लिए असरदार तकनीकें New Lawyers: कोर्ट में...

How to File a PIL in India: Easy Guide

PIL जनहित याचिका (Public Interest Litigation) एक ऐसा अधिकार है जो किसी भी नागरिक...