
मध्यप्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ BJP मंत्री द्वारा कर्नल Sophia Qureshi पर की गई विवादित और आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बड़ा कानूनी मोड़ आया है। जबलपुर बेंच ने इस टिप्पणी को “असहनीय और दुर्भावनापूर्ण” मानते हुए संबंधित थाने को FIR दर्ज करने का आदेश दिया है।
कर्नल सोफिया कुरैशी 2023 गणतंत्र दिवस परेड में पहली महिला परेड कमांडर बनी थीं और देश की सशस्त्र सेनाओं में एक प्रेरणास्रोत मानी जाती हैं।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा:
“एक महिला अधिकारी, जो राष्ट्र सेवा में अग्रणी रही है, उसके खिलाफ सार्वजनिक रूप से इस तरह की टिप्पणी केवल उसकी गरिमा ही नहीं, बल्कि सेना की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचाती है।”
कोर्ट ने आगे कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठते हैं। इसलिए कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने और जांच शुरू करने के निर्देश दिए।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
- सेना की Signals Corps से ताल्लुक रखने वाली कर्नल कुरैशी
- 2023 में गणतंत्र दिवस परेड में सभी महिला सैन्य टुकड़ी की अगुवाई कर चर्चा में आई थीं
- UN Peacekeeping मिशन में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं
- कई युवा महिलाओं की रोल मॉडल बनी हैं
टिप्पणी में क्या था आपत्तिजनक?
BJP मंत्री द्वारा एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा गया कि “महिलाएं सेना में जाकर देश की सेवा नहीं, बल्कि अपनी ब्रांडिंग करती हैं”, जो कर्नल कुरैशी के संदर्भ में माना गया। इस बयान के बाद सोशल मीडिया और सिविल सोसाइटी में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
याचिकाकर्ता की दलील
मामले में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि:
- मंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए
- सेना और महिलाओं के सम्मान की रक्षा हो
- पुलिस की निष्क्रियता को कोर्ट गंभीरता से ले
महिला गरिमा और सशस्त्र बलों की प्रतिष्ठा का मामला
यह केस सिर्फ एक व्यक्ति की प्रतिष्ठा नहीं बल्कि पूरे भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी और सम्मान का मामला है। कोर्ट के आदेश से एक स्पष्ट संदेश गया है कि सेना और महिला अधिकारियों पर की गई अनर्गल टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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Focus Keywords:
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, कर्नल सोफिया कुरैशी, BJP मंत्री, FIR आदेश, महिला सैन्य अधिकारी, विवादित टिप्पणी, सेना सम्मान
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