
10 मई 2025 को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना की विदाई सुप्रीम कोर्ट में एक भावनात्मक समारोह में हुई, जहां न्यायपालिका के दिग्गजों ने उनके न्यायिक दृष्टिकोण, गरिमा और सरलता को सलाम किया। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने अपने विचार साझा करते हुए भावनात्मक स्वर अपनाया।
कपिल सिब्बल की आंखें हुईं नम
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने CJI खन्ना की विदाई पर बोलते हुए कहा,
“मैं भावनाओं को शब्दों में नहीं बाँध सकता। आपने हमें दिखाया कि न्याय केवल कानून नहीं, संवेदना भी है।”
उनकी इस टिप्पणी के दौरान कोर्टरूम में एक ठहराव सा आ गया। सिब्बल की आंखें नम थीं और स्वर गला हुआ।
SG तुषार मेहता भी हुए भावुक
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने CJI खन्ना के शांत लेकिन सशक्त नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा,
“आपने कभी ऊँचे स्वर में बात नहीं की, लेकिन आपकी बातों का वजन हर न्यायालय में महसूस किया गया।”
SG मेहता ने उनके न्यायिक संयम को “न्यायपालिका का आदर्श चेहरा” बताया।
AG वेंकटरमणि का दिल छू लेने वाला उद्धरण
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने अपने शब्दों में न्याय की अनुभूति को व्यक्त करते हुए कहा,
“CJI खन्ना की रगों में न्याय बहता है। उन्होंने कानून को सिर्फ़ पढ़ा नहीं, जिया है।”
उनके इस वक्तव्य को सुनते ही कोर्टरूम में तालियों की गूंज सुनाई दी।
CJI संजीव खन्ना की न्यायिक दृष्टि
CJI खन्ना को उनके न्यायिक संयम, स्पष्टता और संतुलन के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने न्यायपालिका की पारदर्शिता, तकनीकी उन्नयन, और मानवाधिकारों की रक्षा को प्राथमिकता दी। उनके कुछ महत्वपूर्ण योगदानों में शामिल हैं:
- ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट को गति देना
- संविधान पीठों की प्रभावी सुनवाई में योगदान
- यौन हिंसा पीड़ितों की निजता की रक्षा पर कड़े निर्देश
उन्होंने एक फैसले में लिखा था,
“न्याय का मूल उद्देश्य यह नहीं कि कानून कितना कठोर है, बल्कि यह कि समाज कितना सुरक्षित और संतुलित हो।”
न्यायपालिका में भावना और गरिमा का संगम
यह विदाई समारोह सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह भारतीय न्यायपालिका के भीतर संवेदना और सम्मान की झलक भी थी। जहां एक ओर गरिमा बनी रही, वहीं दूसरी ओर मानवीय संवेदनाएं मुखर रहीं।
🔗 Internal Links (embedded naturally):
CJI खन्ना का यह फेयरवेल कार्यक्रम भारतीय न्यायपालिका के भीतर एक ऐतिहासिक क्षण बन गया।
आप यहां पर CJI के न्यायिक विचारों पर विस्तृत विश्लेषण पढ़ सकते हैं।
The Legal Observer की रिपोर्टिंग में हम आपको न्यायिक दुनिया की हर खबर तुरंत पहुंचाते हैं।
📺 External Link (YouTube):
इस ऐतिहासिक फेयरवेल समारोह की वीडियो झलक यहां देखें।
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