International Criminal Court क्या हैं? जानिए इसके अधिकारों के बारे में

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अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय यानी इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) एक स्थायी Tribunal हैं। इसे रोम कानून द्वारा स्थापित किया गया है, जो नरसंहार, युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपी व्यक्तियों की जांच कर मुकदमा चलाने और सजा सुनाने का काम करता है। इसकी शुरूआत 01 जुलाई 2002 को, 60 देशों द्वारा समझौते की पुष्टि के बाद की गई। इसके बाद ही अदालत ने बैठके शुरू की। इसका मुख्यालय नीदरलैंड के ‘द हेग’ में है।

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ICC को ऐसे जघन्य अपराधों पर मुकदमा चलाने के लिए एक कोर्ट के रूप में बनाया गया था, जहां नेशनल कोर्ट कार्रवाई करने में विफल रहती हैं। वहीं इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) राष्‍ट्रों के बीच उत्पन्न हुए विवादों को सुनता और सुलझाता है, जबकि ICC व्यक्तियों के मुकदमों को सुनता है। अदालत का अधिकार क्षेत्र 01 जुलाई, 2002 के बाद हुए अपराधों तक फैला हुआ है, जो या तो उस राज्य में किए गए थे जिसने समझौते की पुष्टि की है या ऐसे राज्य के किसी नागरिक द्वारा किया गया है।

ICC की स्‍थापना के विचार की व्यापक रूप से प्रशंसा की गई। जब तक यह लागू हुआ, तब तक लगभग 140 देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए थे। मध्य पूर्व या एशिया के कई देश इसमें शामिल हुए मगर 2002 तक, चीन, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका ने इसमें भाग लेने से इनकार कर दिया था। संयुक्त राज्य अमेरिका ने ICC द्वारा अभियोजन से छूट देने के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति सेना से अपने सैनिकों को वापस लेने की धमकी दी थी। इसके बावजूद, इसकी पहली बैठक के 5 साल के भीतर 100 से अधिक देशों ने संधि की पुष्टि की। बता दें, भारत भी इसकी सदस्‍यता से बाहर है।

Bhawna
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