कोर्ट की अहम् खबरें

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1-दिल्ली बनाम केंद्र सरकार मामले में 17 जनवरी को भी सुनवाई करेगा।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया था कि अगर राजधानी का प्रशासन और नौकरशाहों पर केंद्र का नियंत्रण है तो दिल्ली में निर्वाचित सरकार होने से क्या उद्देश्य पूरा होगा।

केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि दिल्ली जैसा केंद्र शासित प्रदेश संघ का विस्तार है, जिसे संघ द्वारा अपने अधिकारियों के माध्यम से प्रशासित किया जाता है। शीर्ष अदालत सिविल सेवकों के तबादलों और पोस्टिंग पर प्रशासनिक नियंत्रण के संबंध में दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच मामले की सुनवाई कर रही है।

2-अल्पसंख्यक समुदाय के लिए 4800 करोड़ की योजनाओं के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

यह याचिका अश्वनि कुमार उपाध्याय और नीरज शंकर सक्सेना की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि ये योजनाएं आर्टिकल 14,15 और 27 का उल्लंघन करती है। याचिकाकर्ता ने कहा कि केंद्र सरकार को ये अधिकार नहीं है कि वो टैक्स पेयर का पैसा किसी धर्म विशेष के लिए खर्च करे।

3-घूस लेने के आरोपी इनकम टैक्स के एडिशनल कमिश्नर संतोष करनानी को मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ दायर सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

दरअसल CBI ने दी है गुजरात हाईकोर्ट द्वारा करनानी को दी गई अग्रिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

4-दिल्ली दंगा मामले में आंतकरोधी कानून (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार जेएनयू की छात्राओं देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और जामिया छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

दिल्ली पुलिस ने तीनों छात्रों की जमानत का विरोध करते हुए याचिका दायर की है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि तीन अलग-अलग जमानत के फैसले बिना किसी आधार के थे और चार्जशीट में एकत्रित और विस्तृत सबूतों की तुलना में सोशल मीडिया कथा पर आधारित प्रतीत होते हैं।

5-सुप्रीम कोर्ट ने डीयू के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य की ओर से दायर याचिका पर 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

पिछली सुनवाई महाराष्ट्र सरकार के तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि मामले के सभी दस्तावेज जो मराठी मे थे उन्हे ट्रांसलेट कर अदालत को दिया गया है। 10 वाल्यूम मे दस्तावेज दिए गए हैं।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि हमे जवाब दाखिल करने का वक्त दिया जाए। बॉम्बे हाइकोर्ट की नागपुर बेंच ने बीते 14 अक्टूबर को डीयू के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा समेत छह लोगों कि रिहाई के आदेश दिया था।

6-मॉब लॉन्चिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा निर्देश का राज्य सरकारों द्वारा पालन नहीं करने पर तहसीन पूनावाला और सामाजिक कार्यकर्ता तुषार गांधी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

अवमानना याचिका में दिल्ली पुलिस चीफ और उत्तराखंड पुलिस चीफ को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत कोई कार्रवाई ना करने के लिए सजा देने की मांग की गई थी।

7-दिल्ली पुलिस कमिश्नर के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली पुलिस समय पर कार्रवाई की होती तो याचिकाकर्ता की हत्या नही हुई होती।

बतादें की 16 जून, 2022 को दिल्ली के एसएचओ, सागरपुर के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि याचिकाकर्ता शशि सक्सेना की बेटी का अपहरण कर लिया गया था, लेकिन संज्ञेय अपराध होने के बावजूद कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी।

8- व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 17 जनवरी, 2023 को सुनवाई करेगी।

दरअसल, दो छात्रों ने व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी में यूजर का पर्सनल डाटा फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म को साझा करने को गलत, उनकी गोपनीयता और फ्री स्पीच का उल्लंघन बताकर इसे न्यायालय में चुनौती दी है।

बता दें कि शीर्ष अदालत दो छात्रों कर्मन्या सिंह सरीन और श्रेया सेठी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। छात्रों का कहना है कि उपयोगकर्ताओं द्वारा शेयर किए गए कॉल, फोटो, टेक्स्ट, वीडियो और डॉक्युमेंट्स को किसी अन्य कंपनी के साथ शेयर करना उनकी गोपनीयता और फ्री स्पीच का उल्लंघन है।

सोशल मीडिया कंपनियों को यूजर के पर्सनल डाटा को लेकर अपनी मनमानी नहीं करनी चाहिए।

9-स्थानीय निकायों में मराठा आरक्षण दिए जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 17 दिसंबर के आदेश में संविधान पीठ के 2010 के फैसले का उल्लेख किया जिसमें राज्य के भीतर स्थानीय निकायों के लिए आवश्यक पिछड़ेपन की प्रकृति और निहितार्थ पर सख्ती से मौजूदा विचार करने के लिए एक विशेष आयोग की स्थापना सहित तीन स्थिति का उल्लेख किया गया था। ओबीसी श्रेणी के लिए ऐसा आरक्षण का प्रावधान करने से पहले इस निर्देश का पालन करने की जरूरत है।

10-मद्रास हाई कोर्ट के एक पूर्व जज द्वारा न्यायपालिका में ‘वन रैंक, वन पेंशन’ की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एम. विजयराघवन ने तर्क दिया है कि राज्य की अधीनस्थ न्यायपालिका से पदोन्नत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एक न्यायाधीश की तुलना में कम पेंशन के हकदार हैं जो पहले एक वकील थे। त्रिस्तरीय न्यायिक प्रणाली में, वकीलों को निचली अदालतों, उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में चुना जाता है।

11-कोरोना काल के दौरान जेलों में बंद कैदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए स्वतः संज्ञान के मामले में सुप्रीम कोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

भारत में लगभग 466,084 कैदियों के साथ 1,339 जेल हैं। अधिकांश जेलें खचाखच भरी हैं और उनमें से कुछ में तो हजारों कैदी हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, भारतीय जेलों की अधिभोग दर 117.6 प्रतिशत (क्षमता की) है, और उत्तर प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों में, अधिभोग दर 176.5 प्रतिशत और 157.3 प्रतिशत जितनी अधिक है।

12- राजनीतिक दलों में अहम पदों पर आसीन नेताओं की विभिन्न सरकारी पदों पर लोकसेवक के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि और भी मुद्दे हैं…लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। याचिका में दलील दी गई है कि लोकसेवक के लिए राजनीतिक रूप से तटस्थ रहने का सिद्धांत है जो उन्हें पार्टी की गतिविधियों में हिस्सा लेने से तो रोकता है लेकिन ‘‘वे उक्त सिद्धांत का अनुपालन करते हैं इसकी पुष्टि नहीं होती।” याचिका के अनुसार इससे न केवल जनता के पैसे का नुकसान हो रहा है बल्कि यह पार्टियों की राजनीतिक विचारधारा का भी प्रसार कर रहा है।

उन्होंने उदाहरण दिया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता संबित पात्रा भारतीय पर्यटन विभाग निगम के अध्यक्ष हैं जबकि भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य इकबाल सिहं लालपुरा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हैं।

13-हाईकोर्ट दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मुफ्त या कैशलेस चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के मामले में 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

पत्र में कहा गया है कि चिकित्सा सुविधाएं केवल दिल्ली सरकार कर्मचारी स्वास्थ्य योजना (डीजीईएचएस) के तहत सेवारत अधिकारियों को दी जा रही हैं। इसमें पेंशनभोगियों को भी शामिल किया जाए।

पत्र में सेवानिवृत्त डीटीसी कर्मचारी ने कहा कि चिकित्सा सुविधाओं के बदले पेंशनभोगियों को पांच सौ रुपए प्रति महीने का भुगतान किया जा रहा है, जबकि उन जैसे हजारों पेंशनभोगियों को चिकित्सा कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

14-कापीराइट उल्लंघन को लेकर पटकथा लेखक अरमान शंकर शर्मा की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने एडवेंचरर बेयर ग्रिल्स, हॉट स्टार, नेटवर्क नेशनल जियोग्राफी समेत अन्य के खिलाफ नोटिस जारी किया है। लेखक अरमान शंकर शर्मा ने कहा कि मार्च 2022 में उन्हें उनके दोस्त द्वारा पता चला कि हॉट स्टार पर प्रसारित किए जा रहे शो ‘गेट आउट अलाइव विद बियर ग्रिल्स’ के प्रसारण से प्रतिवादियों द्वारा कापीराइट का उल्लंघन किया जा रहा है।

15-दिल्ली हाईकोर्ट 2020 के दिल्ली दंगों के मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

पिछली सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने तर्क दिया था कि जिस व्यक्ति पर गोली चलाने का आरोप लगाया गया था, उसके सहित अन्य सभी सह-आरोपी उसी मामले में जमानत पर हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह तर्क भी दिया था कि हुसैन को किसी भी आग्नेयास्त्र का उपयोग करते हुए किसी ने नहीं देखा।

16-मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से दायर जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकार्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

जैन ने जमानत याचिका को खारिज करने के 17 नवंबर के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। जैन ने याचिका में कहा है कि चूंकि उनके पास कोई आय नहीं है। इसलिए उसके खिलाफ धनशोधन के तहत अपराध नहीं बनता है।

17-सुकेश चंद्रशेखर से 200 करोड़ रुपये के मामले में दिल्ली पुलिस के EOW शाखा द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने को लेकर सुप्रीम कोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

EOW ने पिंकी ईरानी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। बता दें कि सुकेश 4 अप्रैल 2017 को तिहाड़ जेल लाया गया था। जबकि उसकी बीवी लीना मारिया 5 सितंबर 2021 को गिरफ्तार होने के बाद तिहाड़ लाई गई थी।

18-13- सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से सेवानिवृत्त 85 वर्षीय व्यक्ति की अस्वभाविक मौत की जांच लचर, गैर पेशेवर और असंवेदनशील तरीके से करने के मामले में तीस हजारी कोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा था, कहा था बुजुर्गों के साथ हुए र्दुव्‍यवहार को लेकर संस्थागत उदासीनता को क्षमा नहीं किया जा सकता है। बुजुगरे की उपेक्षा और शोषण करने वालों को छूट नहीं दी जा सकती।

Bhawna
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