अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गिरफ्तारी के बाद रिहाई हो गई है। पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स से जुड़े आपराधिक मामले में मंगलवार को मैनहैटन की कोर्ट में पेश होने पहुंचे ट्रंप को गिरफ्तार कर लिया गया था। ट्रंप के खिलाफ 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले पॉर्न स्टार को मुंह बंद रखने के लिए पैसे देने और उसे छिपाने के लिए आर्थिक रिकॉर्ड में हेराफेरी समेत 34 आरोप लगाये गए हैं। कोर्ट में पेशी के दौरान ट्रंप ने सभी आरोपों को गलत बताते हुए खुद को बेकसूर बताया।
दलीलें सुनने के बाद अदालत ने ट्रंप को करीब 1.22 लाख डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया। जुर्माना राशि स्टॉर्मी डेनियल्स को दी जाएगी। सुनवाई के बाद ट्रंप कोर्ट से रवाना हो गए। इस मामले में अगली सुनवाई इसी साल 4 दिसंबर को होगी। वहीं, ट्रंप आपराधिक मामले में गिरफ्तार होने वाले पहले अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति बन गए हैं।
कई नागरिक मामलों में ट्रंप का प्रतिनिधित्व करने वाली अलीना हब्बा ने न्यूयॉर्क में उनसे मिलने के बाद कहा कि वह अच्छे लोगों में से हैं, ईमानदारी से, वह वैसे ही हैं जैसे वह सामान्य रूप से होते हैं। वह अदालत के सामने जाने और वह करने के लिए तैयार हैं जो उन्हें मंगलवार को करने की आवश्यकता है। फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में ट्रंप की पेशी के बारे में बात करते हुए हब्बा ने कहा, यह सब मैप किया गया है। उन्होंने कहा, किसी भी आश्चर्य को छोड़कर, मुझे लगता है कि यह सहज होना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी के साथ समन्वय और सहयोग करने की कोशिश कर रहे हैं कि कोई समस्या न हो।
न्यूयॉर्क पुलिस ने ट्रम्प टॉवर को चारों ओर से घेर लिया है और मैनहट्टन कोर्ट के पास सड़कों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया है। सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखी जा रही है। दरअसल, 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक पॉर्न स्टार को दिए गए पैसों की जांच आरोपों का सामना कर रहे ट्रंप किसी मामले में आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति हैं। सूत्रों के अनुसार, अदालत में अपने बचाव के लिए प्रमुख पूर्व संघीय अभियोजक टॉड ब्लैंच को नियुक्त किया है।
ट्रंप के सलाहकार ने बताया है कि ट्रंप इस दौरान अपने समर्थकों को संबोधित करेंगे या नहीं, अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि ट्रंप न्यूयॉर्क के रहने वाले हैं, लेकिन अपने ही होमटाउन में उन्हें अधिक वोट नहीं मिले थे। उन्हें 2020 में यहां से सिर्फ 23 फीसदी वोट मिले जबकि 2016 में मात्र 18 फीसदी वोट ही मिल सके थे।ग्रैंड ज्यूरी ने गुरुवार को ट्रंप के खिलाफ एक पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देने के कारण एक अभियोग को वोट दिया था। अभियोग सील के अंंदर है, ट्रंप पर कौन से अपराध हैं और कितने आपराधिक मामले हैं, यह अभी पता नहीं है। लोकल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति पर 30 से अधिक मामलों में आरोप लगाए गए हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से मानहानि मामले में सूरत सेशन कोर्ट से जमानत मिल गई है. राहुल गांधी को सेशन कोर्ट ने अपील पर फैसला लेने तक जमानत दी है. राहुल गांधी की ओर से कोर्ट में दो अलग-अलग याचिका दायर की गई हैं. इनमें से एक उनकी conviction के खिलाफ है और दूसरी इस पूरे मामले को लेकर है. राहुल गांधी की conviction पर सुनवाई 13 अप्रैल को होगी. हालांकि कोर्ट ने राहुल से कहा है कि उन्हें अगली सुनवाई पर कोर्ट मेंं उपस्थित होने की जरूरत नहीं है।
इस सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता रद्द होने के मामले में कुछ सामने नहीं आया है. वहीं जमानत से राहुल के बंगला छोड़ने पर स्टे नहीं मिलेगा. इस संबंध में आज किसी तरह का फैसला नहीं हुआ है।
बता दें, इससे पहले उन्हें सूरत की निचली अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी. निचली अदालत के इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी. बाद में राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भी दिया गया था. एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई के बाद राहुल गांधी ने सोमवार को कोर्ट में अर्जी लगाई है. इससे पहले शिकायतकर्ता को 10 अप्रैल तक कोर्ट में जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
दरअसल, 2019 में चुनाव कैंपेन के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक प्रचार रैली में मोदी सरनेम पर एक बयान दिया था. जिसके बाद गुजरात के एक विधायक पुरुणेश मोदी ने उनके खिलाफ कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया था. इसी मामले में राहुल गांधी को मानहानि के मामले में निचली अदालत ने दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी।
दिल्ली शराब नीति घोटला मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई हैं। मनीष सिसोदिया को सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. जहां अदालत ने उन्हें 17 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया है
CBI की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि जांच अहम मोड़ पर है. इसलिए हम मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.मनीष सिसोदिया की कोर्ट में पेशी के दौरान AAP मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया इसके कारण पुलिस ने सुरक्षा के लिए राउज एवेन्यु कोर्ट और बीजेपी मुख्यालय से पहले पुलिस बैरिकेड लगा दिए।
जमानत याचिका हो चकी है खारिज
इसके पहले पिछले महीने मार्च में दिल्ली की विशेष CBI अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. इसके चलते आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया था कि वह निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. बता दें, दिल्ली की नई शराब नीति में भ्रष्टाचार के आरोप में CBI ने मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
बॉलीवुड के बजरंगी भाईजान यानी एक्टर सलमान खानके फैंस के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है।,दरअसल, बॉम्बे हाई कोर्ट से सलमान खान
को पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार मामले में एक बड़ी राहत मिली है। सलमान और उनके बॉडीगार्ड के खिलाफ दर्ज याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अभिनेता सलमान खान को इससे यकीनन राहत मिली है। ये फैसला बॉम्बे हाईकोर्ट ने साल 2019 में पत्रकार से हुई मारपीट और दुर्व्यवहार के मामले में सुनाया हैं। एक्टर के खिलाफ दर्ज FIR को कोर्ट ने खारिज करने का आदेश दे दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि सलमान खान को अब इस केस के संबंध में अंधेरी कोर्ट में हाजिर नहीं होना पड़ेगा। दरअसल, एक पत्रकार ने सलमान खान और उनके बॉडीगार्ड पर दुर्व्यवहार करने और जबरन फोन छीनने का आरोप लगाया था। अंधेरी की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने बजरंगी भाईजान को एक समन जारी किया था, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सलमान खान के खिलाफ पत्रकार के वकील ने कई गंभीर आरोप लगाए थे। एक्टर के खिलाफ याचिका दर्ज कराते हुए पत्रकार अशोक पांडे ने बताया था कि साल 2019 में वह सलमान के साथ एक फोटो ले रहे थे जिसके बाद उनके बॉडीगार्ड्स गुस्से में में उनके साथ बदसलूकी की और उनका फोन भी छीन लिया साथ ही मारपीट की।
नेटफ्लिक्स फिर एक बार अपनी एक वेब सीरीज को लेकर चर्चा में आ गया है.कुछ दिनों पहले नेटफ्लिक्स की उपहार सिनेमा पर बनी एक सीरीज को रिलीज से पहले कोर्ट में हाजिर होना पड़ा था और अब ‘द बिग बैंग थ्योरी’ नाम के शो में माधुरी दीक्षित को ‘लेपरस प्रॉस्टिट्यूट’ कहने पर बवाल मचा हुआ है। इस शो का दूसरे सीजन नेटफ्लिक्स पर दिखाया जा रहा है जिसमें माधुरी दीक्षित के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया गया हैं. जिसके बाद OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स को लीगल नोटिस मिला। इस पूरे मामले पर अभिनेत्री जया बच्चन ने रिएक्ट करते हुए कहा कि बहुत लंबी जुबान हो गई हैं इनकी।
क्या है पूरा मामला
‘द बिग बैंग थ्योरी’ के दूसरे सीजन के पहले एपिसोड में एक सीन में जहां शेल्डन ऐश्वर्या राय बच्चन का मजाक बनाकर उनकी तुलना माधुरी दीक्षित से करते हैं और कहते हैं कि ‘क्या ये ऐश्वर्या राय बच्चन हैं, मुझे लगता है कि ये गरीबों की माधुरी दीक्षित हैं।’ ये सुन राज नाराज हो जाता है और कहता है कि ‘तुम्हारी ये बात कहने की हिम्मत कैसे कर सकते हो। ऐश्वर्या तो देवी है, उनकी तुलना में तो माधुरी ‘लेपरस प्रॉस्टिट्यूट’ है।’
कुणाल नय्यर के ‘लेपरस प्रॉस्टिट्यूट’ वाले बयान से न सिर्फ एक्ट्रेस बल्कि उनके तमाम फैंस और स्टार्स भी नाराज है। इस पर जया बच्चन ने भी खासा नाराजगी जताई और कुणाल नय्यर को कहा कि, क्या ये लड़क छोटा बच्चा है। बड़ी ही गंदी जुबान है इसकी। ऐसे लोगों को तो पागलखाने में भेज देना चाहिए। उनके परिवार को भी इसपर बताना चाहिए कि उन्हें कैसा लग रहा है ये जुबान सुनकर। आपको बता दें, ‘लेपरस प्रॉस्टिट्यूट’ का मतलब कोढ़ से जूझ रही सेक्स वर्कर होता हैं।
वहीं इस मामले पर उर्मिला मातोंडकर ने भी इस कमेंट को सुनकर हैरानी जताई है । उनका कहना है कि उन्होंने अभी ये शो नहीं देखा है। लेकिन ऐसे आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल हुआ है तो ये दर्शाता है कि लोगों की मानसिकता कितनी गंदी हो चुकी है। उन्हें क्या लगता है ये मजाक है और ऐसा करना अच्छा लगता है। वहीं दिया मिर्जा ने भी इसे शर्मनाक बताया। फिल्मनगरी में इस बयान को लेकर काफी रोष है और सभी इस प्रकार के बयान को गंदा और आपत्तिजनक बता रहें है।
बॉलीवुड में अपने अभिनय से जनता के दिलों में अपनी पहचान बना चुके अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी चर्चा में बने ही रहते है लेकिन इन दिनों वह अपनी प्रोफेशनल लाइफ से ज्यादा पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में हैं। उनका पारिवारिक विवाद लगातार गरमाता जा रहा है। हाल ही में खबर आई थी एक्टर अपनी पत्नी पर किया हुआ केस वापस लेने के लिए तैयार हैं जिसके लिए उन्होंने अपनी पत्नी आलिया के सामने ये शर्त रखी थी कि, वह एक्टर को अपने बच्चों से मिलने देंगी। इस बीच एक्टर के छोटे भाई शमास सिद्दीकी ने एक्टर पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, इसके साथ ही चौंकाने वाला खुलासा भी किया है कि नवाज ने तीन शादियां की हैं। जिनमें एक शादी लॉकडाउन के दौरान की गई थी।
नवाज ने आलिया व शमास के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा किया है. 30 मार्च को इस मामले पर सुनवाई होगी. नवाजुद्दीन ने कोर्ट से गुजारिश की है कि कोर्ट आलिया और शमास को उनके खिलाफ अपमानजनक बातें करने के पर स्थाई रूप से रोके और सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ बयानबाजी वाले कंटेंट को हटाने का निर्देश दें।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी के भाई शमास सिद्दीकी ने ट्विटर पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट शेयर किया है. जिसमें शमास ने एक्टर के खिलाफ 11 आरोप लगाए हैं। उन्होंने नवाज पर आरोप लगाया कि, एक्टर ने अपनी ही भाभी के पेट पर लात मारी थी, जब वो प्रेग्नेंट थी। इसके अलावा उन्होंने ट्वीट के जरिए कुछ ऐसे राज खोले जिसे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे।
नवाज के भाई शमास नवाज ने सोशल मीडिया पर एक्टर पर आरोपों की झड़ी लगा दी है। उन्होंने पोस्ट कर लिखा, ‘खुद को गरीब किसान का बेटा कहते हो,जबकि करोड़ों के जमीन के मालिक हो। क्या चाहते हो कि तुम्हारी वैल्यू 100 करोड़ की है और सभी लोग तुम्हें सता रहे हैं। जो भी लोग तुम्हें अच्छे से जानते हैं उनके लिए तुम्हारी वैल्यू सिर्फ जीरो है’। इसके अलावा भाई ने दावा किया कि नवाज पर मीटू के भी आरोप लग चुके हैं।
एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी पर उनके भाई के 11 आरोप
1. नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अब तक तीन शादी की। एक शादी निशा से लॉकडाउन में की। जबकि पहली पत्नी फोजिया, जिससे 2007 में तलाक ले लिया। 2. नवाज ने अपनी भाभी आफरीन को लात मारी थी, उस वक्त वह प्रेग्नेंट थी। उन पर केस दर्ज है। 3. दो बार मीटू के आरोप लग चुके हैं। 4. इनकी बायोग्राफी पर भी विवाद हुआ था। 5. ना खान और सोनी दांडेकर मोलेस्टेशन कर चुके हैं नवाज पर केस दर्ज 6. सगे भाई अलमसुद्दीन सिद्दीकी ने की एफआईआर दर्ज, अब तक चल रहा है केस 7. तीजी साशा सिद्दीकी की फैमिली ने भी नवाज पर आरोप लगाए। 8. स्टाफ के साथ भी बदसलूकी कर चुके हैं नवाज, केस दर्ज। 9. विज्ञापन को लेकर कई केस दर्ज 10. टैक्स में झोल को लेकर भी केस हो चुके हैं दर्ज 11. घर की संपत्ति के बंटवारे को लेकर लगे आरोप।
बता दें कि, नवाजुद्दीन सिद्दीकी के मामले से जुड़े हर रोज नए अपडेट्स आ रहे हैं। पत्नी ने एक वीडियो शेयर कर दावा किया था कि, एक्टर ने उनको बच्चों समेत घर से बाहर निकाल दिया। पूरा परिवार देर रात सड़कों पर भटकता रहा। जिसके बाद एक्टर ने इस मामले में चुप्पी तोड़ते हुए एक पोस्ट साझा किया था। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि पत्नी आलिया सिद्दीकी ने ये सब पैसों के लिए कर रही हैं।
प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट में 28 मार्च का दिन बेहद अहम् दिन रहा क्यों कि इस दिन माफिया डॉन अतीक अहमद को प्रयागराज की कोर्ट में पेश किया किया गया, जहां 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए अतीक अहमद को दोषी करार दिया है.इस मामले में अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ समेत 10 लोग आरोपी हैं.
17 साल पुराने इस केस में आज प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद समेत 3 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अपहरण के इस मामले में अतीक के अलावा हनीफ, दिनेश पासी को भी दोषी पाया है. कोर्ट ने तीनों पर 1- 1 लाख का जुर्माना भी लगाया. जबकि अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया गया।
MP MLA कोर्ट ने अतीक अहमद समेत अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, खान सौलत हनीफ, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान, आशिक मल्ली और एजाज अख्तर को दोषी करार दिया है. एक आरोपी अंसार अहमद की मौत हो चुकी है. अभी अतीक अहमद, अशरफ और फरहान जेल में थे. बाकी आरोपी जमानत पर थे।
अतीक अहमद 2019 से गुजरात की साबरमती जेल में बंद था. उमेश पाल अपहरण केस में कोर्ट ने अतीक अहमद को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था, जिसके बाद रविवार को यूपी पुलिस अतीक अहमद को प्रयागराज लाने के लिए साबरमती पहुंची, जिसके बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अतीक अहमद को सोमवार शाम को प्रयागराज लाया गया, जहां से उसे सीधा नैनी जेल ले जाया गया, इसी जेल में उसके भाई अशरफ को भी बरेली जेल से निकालकर लाया गया. आज सुबह 11 बजे अतीक अहमद और अशरफ को कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया।
क्या है मामला ?
उमेश पाल अपहरण केस 17 साल पुराना है. एक महीने पहले उमेश पाल की हत्या भी हो चुकी हैं, जिसके बाद आज इस मामले पर फैसला आया.ये मामला BSP MLA राजू पाल हत्याकांड से जुड़ा है. आरोप है कि, 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद और अशरफ ने उमेश पाल का अपहरण कराया था. उमेश पाल को मारपीट करने के बाद परिवार समेत जान से मारने की धमकी देते हुए कोर्ट में जबरन हलफनामा दाखिल कराया गया।
2007 में जब मायावती की सरकार बनी तब उमेश पाल ने 5 जुलाई 2007 को अतीक और अशरफ समेत 5 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई. पुलिस की जांच में छह अन्य लोगों के नाम सामने आए. कोर्ट में अतीक और अशरफ समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई. 2009 से मुकदमे का ट्रायल शुरू हुआ.सरकारी पक्ष से कुल 8 गवाह पेश किए गए. 11 आरोपियों में से अंसार बाबा नाम के आरोपी की मौत हो चुकी है।
केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच जजों की नियुक्ति को लेकर पिछले कुछ समय से लगातार खींचतान चल रही है। कानून मंत्री का कहना है कि जजों की नियुक्ति का हक सरकार को होना चाहिए। सरकार की यह भी मांग रही है कि जजों की नियुक्ति करने के मौजूदा सिस्टम कॉलेजियम सिस्टम में सरकार के भी प्रतिनिधि शामिल रहें। कानून मंत्री किरेन रिजीजू द्वारा कई बार कॉलेजियम सिस्टम में पारदर्शिता की कमी का आरोप भी लगाया जा चुका है। दूसरी तरफ, न्यायिक क्षेत्र के लोग कॉलेजियम सिस्टम को बेहतर बताते हैं। हालांकि, वे यह भी कहते रहे हैं कि इसे लगातार और बेहतर बनाया जा सकता है।
कॉलेजियम सिस्टम में सरकार के प्रतिनिधि को शामिल किए जाने की मांग के बारे में न्यायिक बिरादरी के लोगों का मानना है कि प्रत्यक्ष न सही, पर परोक्ष रूप से तो नियुक्ति प्रक्रिया में सरकार की भागीदारी है ही। सभी फाइलें सरकार से होकर ही गुजरती हैं। ऐसे में कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधि की मांग गैर जरूरी है।
लेकिन, एक अखबार और वेबसाइट जनसत्ता डॉट कॉम को इंटरव्यू में पूर्व जज दीपक गुप्ता ने कहा है कि अगर कॉलेजियम में सरकार चाहती है कि उसका प्रतिनिधि सीधे तौर पर शामिल हो, तो इसमें कोई बुराई नहीं है. जस्टिस (रि.) दीपक गुप्ता ने यह बात कही, लेकिन एक शर्त भी जोड़ी।
2019 के लोकसभा में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर टिप्पणी की थी और कहा था कि सारे चोरों का सरनेम “मोदी” कैसे? सूरत की CJM कोर्ट ने सुबह 11 बजे फैसला सुनाते हुए राहुल गांधी को इस मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई है। इसके बाद कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा कि आप क्या कहना चाहते हैं तो राहुल गांधी ने कहा मैं तो हमेशा करप्शन के खिलाफ बोलता हूं। मैंने किसी के खिलाफ जानबूझ कुछ ऐसा नहीं बोला जिससे किसी को नुकसान नहीं हुआ।
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का यह मामला दो धाराओं 499 और 504 में था। IPC की धारा 504 में दोषी पाए जाने पर 2 साल की सजा का प्रावधान है।सूरत की अदालत ने राहुल के मोदी सरनेम वाले बयान पर 2 साल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत भी दे दी। कोर्ट ने इसके अलावा सजा को 30 दिन के लिए फिलहाल सस्पेंड कर दिया है। 2019 में राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लेकर। गौरतलब है कि राहुल गांधी इस सजा के खिलाफ उच्च अदालत में जा सकते हैं।
17 मार्च 2023, इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया। पुतिन के खिलाफ युक्रेन मे हुए हमले को लेकर वॉर क्राइम के तहत वारंट जारी किया गया। अगले ही दिन पुतिन यूक्रेन में मारियोपोल शहर की सड़कों पर घूमते देखे गए। जंग के बाद इस शहर पर अब रूस का कब्जा है।
प्रश्न 1: इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने पुतिन के खिलाफ क्यो जारी किया वांरट?
उत्तर: ICC ने रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को वॉर क्राइम का आरोपी बनाया है। पुतिन पर आरोप है कि वो यूक्रेनी बच्चों को गैर-कानूनी और अवैध तरीके से रूस ले जा रहे हैं। ICC ने इसके ये करने की वजहें बताई हैं…
1.ICC का मानना है कि पुतिन के पास यूक्रेन से बच्चों को किडनैप कर रूस भेजे जाने की पूरी जानकारी थी। साथ ही बच्चों की किडनैपिंग के कई केस मेंं पुतिन सीधे-सीधे मिले हुए थे।
2.इसके साथ ही ये भी माना जा रहा है कि पुतिन ने इन सब बातों की जानकारी होने के बावजूद भी अपने सैन्य अधिकारियों और लोगों को ऐसा करने से नहीं रोका।
इन आरोपों को लेकर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने पुतिन के अलावा रूस के चिल्ड्रन राइट कमिश्नर मारिया लावोवा-बेलोवा के खिलाफ भी वारंट जारी किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के हवाले से ICC ने कहा कि 16 हजार से ज्यादा यूक्रेनी बच्चे रूस भेजे गए हैं। पुतिन के खिलाफ इस केस की जांच पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक और ICC के प्रॉसिक्यूटर करीम अहमद खान कर रहे हैं।
प्रश्न 2: क्या है ICC और इसकी संस्था की ताकत कितनी है?
उत्तर: 1 जुलाई 2002 को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC की नींव रखी गई थी। ICC दुनियाभर में होने वाले वॉर क्राइम, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच करती है। ये संस्था 1998 के रोम समझौते पर तैयार किए गए नियमों के आधार पर कार्रवाई करती है। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का मुख्यालय “द हेग” में है। ब्रिटेन, कनाडा, जापान समेत 123 देश रोम समझौते के तहत इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य हैं।
इस कोर्ट की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी वजह से यूगोस्लाविया के प्रेसिडेंट स्लोबोदान मिलोसेविच को जेल तक जाना पड़ा था। कार्रवाई के टाइम ही मिलोसेविच की जेल में मौत हो गई थी। हालांकि, ये बात अलग है कि परमाणु संपन्न देश रूस की तुलना कोई यूगोस्लाविया से नहीं कर सकता है।
बता दें,इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सभी सदस्य देशों को वारंट भेजता है।ये वारंट सदस्य देशों के लिए सलाह की तरह होता है और वो इसे मानने के लिए कोई बाध्य नहीं होता हैं। इसकी वजह यह है कि हर संप्रभु देश अपने आतंरिक और विदेश मामलों में नीति बनाने के लिए स्वतंत्र है। दूसरी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की तरह ही ICC भी हर देश की संप्रभुता का सम्मान करती है।
प्रश्न 3: ICC के वारंट जारी होने के बाद क्या पुतिन हो सकते है गिरफ्तार?
उत्तर:पुतिन एक महाशक्ति और ताकतवर देश रुस के राष्ट्रपति हैं और साथ ही दुनिया के टॉप पावरफुल नेताओं में से एक हैं। ऐसे में रूस में रहते हुए उनको अरेस्ट नहीं किया जा सकता है, ये तो लगभग तय है। वहीं, पुतिन अगर रूस के बाहर किसी दूसरे देश में जाते हैं तो हो सकता है कि उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है। बता दें, पुतिन के विदेश दौरे पर कई तरह के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हैं।
इस वजह से ये संभावनाएं भी कम ही है कि वो रूस के बाहर किसी दूसरे देश के दौरे पर जाएंगे। अगर पुतिन ICC के सदस्य देशों का दौरा करते हैं तो वो हिरासत में लिए जा सकते हैं, लेकिन शायद पुतिन ये गलती न करें। उनके दौरे में शामिल ईरान इकलौता ऐसा देश है जो कभी USSR का हिस्सा नहीं रहा।
अमेरिका ICC का हिस्सा नहीं है। ऐसे में वॉर क्राइम के सबूत ICC को देने के मुद्दे पर बाइडन प्रशासन में ही टकराव की स्थिति बनी हुई है। पेंटागन ने ICC के साथ रिपोर्ट शेयर नहीं करने की सलाह दी है। अमेरिकी रक्षा विभाग का मानना है कि ऐसा करने से एक गलत ट्रेंड की शुरुआत होगी। आने वाले समय में ICC अमेरिकी नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ भी इस तरह की कार्रवाई कर सकता है।
प्रश्न 4: भारत आने पर क्या गिरफ्तार हो सकते हैं पुतिन?
उत्तर: ICC के वारंट जारी होने के बाद भी भारत आने पर पुतिन नहीं होंगे गिरफ्तार नहीं क्यों जानिए वजह?
वजह ये है कि भारत अभी तक ICC के सदस्य देशों में शामिल नहीं है। न ही भारत ने 1998 के रोम समझौते पर हस्ताक्षर किया है। ऐसे में ICC ने जो वारंट जारी किया है, वो भारत के लिए मान्य नहीं है। अगर भारत ICC का सदस्य होता, फिर भी वह इस आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं होता। इसकी वजह ये है कि ICC का वारंट उसके सदस्य देशों के लिए भी एक सलाह की तरह होता है।
2015 में एक ऐसा ही मौका आया, जब उस वक्त के सूडान के राष्ट्रपति उमर हसन अहमद अल-बशीर भारत के दौरे पर आए थे। वो भारत में होने वाली इंडिया-अफ्रीका समिट में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए थे। उस वक्त इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने उमर हसन को हिरासत में लेकर उसे सौंपने के लिए कहा। दरअसल, 2009 में ICC ने बशीर के खिलाफ सूडान में वॉर क्राइम के आरोप में अरेस्ट वारंट जारी किया था।
प्रश्न 5: गिरफ्तारी इतनी मुश्किल तो फिर वारंट का क्या मतलब?
उत्तर:बता दें, पुतिन को गिरफ्तार करना तो दूर, उससे पहले उनके खिलाफ मुकदमा चलाना भी ICC के लिए बेहद मुश्किलों भरा है। जानिए इसकी वजह;
सबसे पहले रूस ICC के सदस्य देशों का हिस्सा नहीं है। ऐसे में वहां से पुतिन को हिरासत में लेना लगभग नामुमकिन है। साथ ही पुतिन को हिरासत में लिए बिना इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट उनके खिलाफ केस नहीं चला सकती है। ICC के नियम के माने तो बिना उस व्यक्ति को हिरासत में लिए जिसे आरोपी माना गया है या आरोपी की अनुपस्थिति में मुकदमे का ट्रायल शुरू नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न 6: क्या ICC पुतिन को कभी अरेस्ट कर सकती है?
उत्तर: इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के पास राष्ट्रपति पद पर बैठे किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का पावर नहीं है। हालांकि, ये हो सकता है कि राष्ट्रपति पद से हटने के बाद पुतिन ICC के सदस्य देशों के दौरे पर जाएं तो उन्हें हिरासत में लेकर ट्रायल शुरू किया जा सकता है। लेकिन इसकी संभावना कम है कि पुतिन ऐसी गलती करेंगे। ऐसे में हिरासत में लेकर ट्रायल चलाए बिना उनकी गिरफ्तारी की कोई संभावना ही नहीं है।
प्रश्न7: क्या पहले भी किसी ने ICC के मुकदमे का सामना किया है?
उत्तर: ICC के 20 सालों के इतिहास को देखे तो मार्च 2012 में कोर्ट ने अपना पहला फैसला सुनाया था। ICC ने ये फैसला डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो के उग्रवादी नेता थॉमस लुबांगा के खिलाफ सुनाया था। कोर्ट ने जंग में बच्चों को भेजे जाने के आरोप में उसके खिलाफ केस चलाया गया था। इस आरोप में उसे 14 साल के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी।