दिल्ली हाईकोर्ट में 9 नए जजों की नियुक्ति, हाईकोर्ट में जजों की संख्या बढ़कर हुई 44

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दिल्ली- दिल्ली हाईकोर्ट में आज 9 नये जजों की नियुक्ति हुई। 18 मई को कोर्ट की कार्यवाही शुरू होने से पहले ऐक्टिंग चीफ़ जस्टिस विपिन सांघी ने नए जजों को उनकी पद की शपथ दिलाई। 

अब दिल्ली हाईकोर्ट में कुल जजों की संख्या 35 से बढ़कर 44 हो गई है, हालाँकि अभी भी निर्धारित संख्या से यह 16 कम है।

नये जज के रूप में जस्टिस तारा वितस्त गंजु, मिनी पुष्करना, विकास महाजन, तुषार राव गेडेला, मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा, सचिन दत्ता, अमित महाजन, गौरांग कंठ और सौरभ बनर्जी ने शपथ ली।

4 मई को हुई कॉलेजियम की बैठक में 7 नामों की सिफ़ारिश की गई थी जबकि जस्टिस तारा वितस्त गंजु और जस्टिस मिनी पुष्करन की सिफ़ारिश कॉलेजियम द्वारा 2020 में कर दी गई थी। 13 मई को जारी की गई अधिसूचना में इसकी घोषणा की गई थी।

दिल्ली के न्यायालयों में सभी लंबित मामलों को निपटाने के लिए पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाए जा रहे ‘जीरो पेंडेंसी कोर्ट प्रोजेक्ट’ को इन नियुक्तियों से काफ़ी सहायता मिलेगी।

दिल्ली हाईकोर्ट में अभी 103269 मामले पेंडिंग हैं। जिसमें सबसे ज़्यादा 72205 मामले सिविल के और 28064 मामले क्रिमिनल के हैं।

इन मामलों में 18 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जो 3 से 5 वर्ष से पेंडिंग हैं। वहीं लंबी अवधि से पेंडिंग मामलों की बात करें तो कुल 19608 मामले ऐसे हैं जो दिल्ली हाईकोर्ट में 5 से 10 वर्ष से पेंडिंग है और 13014 ऐसे मामले हैं जो पिछले 10 से 15 वर्ष से लटके हुए हैं।175 मामलों की हालत दयनीय है, ये मामले पिछले 20-30 साल से पेंडिंग चल रहे हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले एक महीने में 3584 मामलों को निस्तरित किया है लेकिन यह संख्या पिछले एक महीने में दर्ज होने वाले नये मामलों की संख्या से भी कम है। पिछले एक महीने में दिल्ली हाईकोर्ट में 4001 नए मामले दर्ज किए गए हैं।

अब आप इससे अंदाज़ा लगा सकते हैं 9 नये जजों की नियुक्ति का कदम सराहनीय तो है पर पर्याप्त प्रतीत नहीं होता।

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