ऑनलाइन गेमिंग के लिए नए नियम बने, बेटिंग और स्किल गेमिंग में अंतर जरूरी

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सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर नए आईटी रूल्स जारी किए हैं। अब इन्हीं रूल्स की कारण बहस शुरु हो गई है। इसको लेकर सरकार की नई एडवाजरी क्या है? और अब किस तरह लोग गेम खेल सकते हैं। दरअसल, प्राइवेट चैनल्स किसी भी तरह के ऑनलाइन ऑफशोर बेटिंग प्लेटफॉर्म या उनसे जुड़ी न्यूज वेबसाइटों का विज्ञापन नहीं कर सकते हैं।

इसके साथ ही डिजिटल मीडिया में भारतीय दर्शकों के लिए बेटिंग के विज्ञापन नहीं करने को कहा गया हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के मुताबिक सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के विज्ञापन में Illegal Activities है,जिसे डिजिटल मीडिया पर नहीं दिखाया जा सकता है। गेमिंग नियम सूचना मंत्रालय ने बनाए हैं। किस गेम को स्किल मानना है या उसे गैंबलिंग कहना है, ये उसका अधिकार क्षेत्र नहीं है।

गेम कब गैंबलिंग माना जाए, इस बारे में फैसला राज्यों को करना होगा। यानि, सुप्रीम कोर्ट रमी को फैंटेसी गेम मानकर उसे स्किल का गेम कह चुका है। वहीं, तमिलनाडु सरकार ने इसे गैंबलिंग बताकर रोक लगा दी है। विज्ञापन के मानक अलग संस्था एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया में तय हो रहे हैं। वहीं तय होता है कि कौन सा विज्ञापन समाज के लिए उचित है। ऐसे में उक्त तीनों पक्षों के बीच समन्वय बड़ी चुनौती है।

जुआ खेलने पर जाना होगा जेल

पब्लिक गैंबलिंग एक्ट 1867 के तहत जुआ खेलना अपराध माना जाता है। जुआघर चलाना,जुआघर चलाने में सहयोग करना, जुए में पैसा लगाना, जुए से संबंधित उपकरण खरीदना बेचना को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इस कानून के उल्लंघन पर 200 रुपए का जुर्माना या 3 महीने तक जेल हो सकता है। एक्ट पुराना होने की वजह से इसमें ऑनलाइन इंटरनेट जुआ या सट्टेबाजी के संबंध में कोर्ट कानून नहीं है।

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