बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के पद की शपथ ली

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बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई. न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश दिवंगत सलिल कुमार दत्ता के पुत्र हैं, और सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति अमिताव रॉय के बहनोई हैं.

उन्होंने आज सुबह 10.36 बजे सर्वोच्च न्यायालय के कोर्ट रूम 1 में शपथ ली. न्यायमूर्ति दत्ता के शपथ ग्रहण के साथ, शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की कुल संख्या 28 हो गई है, जबकि सीजेआई सहित 34 की स्वीकृत शक्ति है.जस्टिस दत्ता को रविवार को हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्विटर पर न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को शीर्ष कोर्ट में पदोन्नत करने की घोषणा की थी.

जस्टिस दत्ता का जन्म 9 फरवरी 1965 को एक बंगाली परिवार में हुआ था.जस्टिस दत्ता ने अपना LLB हजरा लॉ कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय से किया था। वह वर्ष 1989 में 5 साल के लॉ कोर्स के पहले बैच में थे. दीपांकर दत्ता को 16 नवंबर 1989 को एक वकील के रूप में नामांकित किया गया.उन्होंने संवैधानिक मामलों और सिविल मामलों में विशेषज्ञता हासिल की है।

23 अप्रैल 2020 को वह बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए और 28 अप्रैल 2020 को जस्टिस दत्ता ने पद की शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीस के रूप में उनका कार्यकाल 8 फरवरी 2030 तक होगा. सुप्रीम कोर्ट में सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है. उनके नाम की सिफारिश पिछले साल सितंबर में तत्कालीन न्यायमूर्ति यूयू ललित (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने की थी.

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