न्यायपालिका स्वतंत्रता से अपना काम करती हैं.क्या कोई न्यायपालिका पर दबाव बना सकता हैं? या यूं कहे कि क्या विपक्ष न्यायपालिका पर दबाव बना रहा है? केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कुछ ऐसी ही बड़ी बात कह दी है। केन्द्रिय कानून मंत्री ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि आजादी के नाम पर अगर हर कोई स्वतंत्र रूप से कार्य करता है तो कानून और व्यवस्था का क्या होगा। कोई भी राजनीतिक दल न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सवाल नहीं उठा सकता।
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ‘भारतीय न्यायपालिका स्वतंत्र है। और भारतीय न्यायपालिका को कभी भी विपक्षी दल की भूमिका निभाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। कोई भी भारतीय लोकतंत्र पर सवाल भी नहीं उठा सकता क्योंकि लोकतंत्र हमारे खून में दौड़ता है।’उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, ‘इन गिरोहों को भारत विरोधी विदेशी संस्थाओं का भारत के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए सक्रिय समर्थन मिलता है। व्यवस्थित रूप से वे भारतीय लोकतंत्र, भारतीय सरकार, न्यायपालिका और रक्षा, चुनाव आयोग, जांच एजेंसियों जैसे सभी महत्वपूर्ण अंगों की विश्वसनीयता पर हमला करेंगे।’
उन्होंने आगे कहा, ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों को बेहतर ढंग से समझना चाहिए कि भारत पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महान कायाकल्प की यात्रा पर निकल पड़ा है। हम भारत के लोग उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे।’