दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

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दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच विवाद के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिल्ली के सीएम केजरीवाल के धरना देने के बारे जानकारी दी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है तब इस तरह के प्रदर्शन और नाटक नहीं होना चाहिये। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इसमें नहीं जाएंगे सिर्फ संवैधानिक मुद्दों पर सुनवाई करेंगे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा केंद्र शासित प्रदेशों को संघ के नियंत्रण में रखा जाता है, क्योंकि प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश के अलग-अलग सामरिक महत्व के कारण यह रक्षा या ऐसे अन्य महत्व हैं।

केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली का देश की राजधानी होने का अपना अलग महत्व है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा संघवाद केवल राज्यों और केंद्र पर लागू होता है इसको मंजूर करना मुश्किल है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि देश में सेवाओं पर कार्यकारी नियंत्रण को मान्यता देने से दिल्ली राजधानी होने से कैसे हट जाएगी? संघवाद हाइब्रिड भी हो सकता है, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र के बीच संघवाद की अलग डिग्री हो सकती है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा इसमें संघवाद के सभी लक्षण न हों लेकिन कुछ हो सकते हैं।

केंद्र सरकार ने कहा कि संविधान ने बहुत सचेत रूप से अपनी शक्तियों को केवल उन प्रविष्टियों तक सीमित कर दिया है जो केंद्र शासित प्रदेश पर लागू हो सकती हैं।केंद्र सरकार ने कहा कि नौकरशाही पर नियंत्रण शब्द अपमानजनक है।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एलजी नियमों को नहीं बनाते है, मिनिस्ट्री बनाती है। नियमावली के अनुसार मंत्री प्रपोज़ल तैयार करते हैं उसके बाद वह फाइनेंस मिनिस्ट्री उसपर मोहर लगती है फिर LG के पास आता है।

दिल्ली सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि वह अपने विधायकी अधिकार मांग रहे है, जो सही मायने में हमारे है, इंट्री 41 के तहत हमारे विधायकी अधिकारों को हम मांग रहे है।दिल्ली सरकार ने कहा कि हम सभी कार्यकारी शक्तियों की मांग कर रहे है, नियमों के अनुसार मुझे यह चुनने का अधिकार होना चाहिए किस अधिकारी को कहाँ और किसके स्थान पर स्थानांतरण किया जाए।

अभिषेक मनु सिंधवी ने मारग्रेट थैचर को कोट करते हुए कहा कि मारग्रेट थैचर ने कहा था कि अगर आप सड़क के बीच में खड़े होंगे तो दाई बाई दोनों तरफ से चोट लग सकती है, सड़क पर खड़े होने के लिए वह सबसे खराब जगह है।सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या दिल्ली विधानमंडल राज्य आयोग की स्थापना कर सकता है? क्या यह इस क्षेत्र पर कार्यकारी अधिकार का प्रयोग कर सकता है?

Bhawna
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