केंद्र के अनुरोध पर माने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, 3 महीने और बने रहेंगे पद पर

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सीनियर एडवोकेट के के वेणुगोपाल भारत के अटॉर्नी जनरल के पद पर तीन महीने और बने रहने को लेकर सहमत हो गए हैं। उनका मौजूदा कार्यकाल 30 जून को समाप्त होना था। 

वेणुगोपाल व्यक्तिगत कारणों की वजह से इस पद पर बने रहने के इच्छुक नहीं थे। लेकिन, केंद्र सरकार के अनुरोध के बाद वह तीन महीनों के लिए भारत के अटॉर्नी जनरल पद पर और बने रहने के लिए सहमत हो गए हैं। 

91 वर्षीय वेणुगोपाल ने 1 जुलाई, 2017 को मुकुल रोहतगी के स्थान पर केंद्र सरकार के शीर्ष कानूनी अधिकारी, अटॉर्नी जनरल के रूप में पदभार संभाला था। बाद में उन्हें इस पद पर दोबारा एक साल के लिए नियुक्त किया गया। 

वेणुगोपाल ने बड़ी संख्या में संवैधानिक और कॉर्पोरेट कानून के महत्वपूर्ण मुद्दों से जुड़े मामलों में अपनी सेवाएं दी हैं। अनुच्छेद 370, धारा 124-ए के तहत देशद्रोह का मामला, 2018 में राफेल का मामला सहित अन्य प्रमुख मामलों में उन्होंने सरकार का सफलतापूर्वक बचाव किया है।

1931 में जन्मे वेणुगोपाल को वकालत करते 67 साल हो चुके हैं। उनके पिता एमके नांबियार भी एक अनुभवी बैरिस्टर थे। 1979 और 1980 के बीच भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल रहे वेणुगोपाल को 2002 में पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है।

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