मंगलवार को कोर्ट की अहम् सुनवाई

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1-इजराइल के फिल्म मेकर नदव लैपिड के खिलाफ़ केस दर्ज करने की मांग।

द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर IFFI जूरी हेड और इजराइल के फिल्म मेकर नदव लैपिड के विवादित बयान पर केस दर्ज करने की मांग।सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने गोवा के डीजीपी को शिकायत भेजा।

विनीत जिंदल ने शिकायत में नदव लैपिड खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की।गोवा में आयोजित 53वें फिल्म फेस्टिवल समारोह में IFFI जूरी प्रमुख नदव लैपिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को वल्गर और प्रोपेगेंडा फिल्म करार दिया था।

2-कोरोना वैक्सीन से होने वाली मौतों पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया।

केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन के बाद होने वाली मौतों के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है।केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना टीकाकरण से हुए प्रभाव के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।केंद्र ने कहा कि टीके के कारण हुई मौत के मामलों के लिए सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर कर मुआवजे की मांग की जा सकती है।केंद्र सरकार ने कहा मृतकों और परिजनों के प्रति उनकी संवेदनाएं है।

केंद्र सरकार ने कहा कि टीके के किसी भी प्रतिकूल प्रभाव के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना का टीके लगवाने को लेकर कोई भी कानूनी बाध्यता नहीं है।स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय ने हलफनामे में कहा वैक्सीन के इस्तेमाल से होने वाली मौतों को लेकर मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया नहीं जा सकता है। ऐसा करना कानूनी तौर पर गलत होगा।

केंद्र सरकार ने कहा कि एडवर्स इफेक्ट फॉलोइंग इम्युनाइजेशन समिति (AEFI) की जांच में टीके से हुई मौत का केवल एक ही मामला सामने आया है। दूसरी मौतें टीके के प्रभाव से नहीं हुई।कोरोना वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स के कारण दो बेटियों की मौत पर माता-पिता ने याचिका दाखिल किया है।सरकार का कहना है कि इस साल 19 नवंबर तक 219.86 करोड़ लोगों को वैक्सीन का टीका लगा है। इनमे से सिर्फ 92114 केस (.0042%) में साइड इफेक्ट नज़र आया है। इनमे से 89, 332 केस में मामूली साइड एफेक्फ है, महज 2782 केस गम्भीर साइडइफेक्ट नज़र आये है।

3-आरे जंगल एरिया में मेट्रो प्रॉजेक्ट के लिए 84 पेड़ काटने की मांग

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि 90 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है अगर 84 पेड़ की वजह परियोजना रोकी जाती है तो इससे जनहित के प्रति गंभीर पूर्वाग्रह पैदा होगा.सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जब मेट्रो आएगी तब कार्बन उत्सर्जन पर एक बड़ा प्रभाव पड़ेगा.सॉलिसिटर जनरल ने कहा प्रॉजेक्ट का निवेश 22,000 करोड़ रुपए था और लगातार मुकदमेबाजी की वजह से अब बढ़कर 37,000 करोड़ हो गया है

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह महाराष्ट्र सरकार के बदलने के कारण हुआ क्योंकि तब सरकार का स्टैंड बदल गया था.आरे मेट्रो कार शेड के लिए 84 पेड़ काटने को हरी झंडी.सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई मेट्रो को पेड़ काटने की इजाजत दी.सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से इनकार किया

Supreme Court

1-आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी की कथित हत्या का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने मामले को हैदराबाद में सीबीआई विशेष अदालत को ट्रांसफर किया.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच अन्य राज्य को ट्रांसफर करने का उपयुक्त मामला है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि CBI मामले में बड़ी साज़िश और सबुटी नष्ट करने जुड़ी FIR की जांच करेगी।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में सभी आरोपपत्र और पूरक आरोप पत्र हैदराबाद CBI कोर्ट स्थानांतरित किए जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में सीबीआई द्वारा जांच निष्पक्ष तरीके से होनी चाहिए।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में गवाहों के बयान आदि का ट्रायल हैदराबाद में होगा।आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की काज़ेन सुनीता नाररेड्डी ने अपने पिता और पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में जांच में तेज़ी लाने की मांग करते हुए याचिका दखिल किया था।

2-सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने आज एक मामले की सुनवाई मराठी में किया।

महाराष्ट्र के एक वकील के द्वारा मराठी में जिरह करने पर मुख्य न्यायधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मराठी में ही जवाब दिया।संविधान दिवस के मौके पर कानून मंत्री ने अपने संबोधन में कोर्ट में रीज़नल भाषा में सुनवाई की बात कही थी।हालांकि सुप्रीम कोर्ट में आम तौरपर अंग्रेजी भाषा में सुनवाई होती है।

3-जमानत की शर्तों को पूरा करने में अक्षम जेल में बंद विचाराधीन कैदियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया निर्देश।

जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने निर्देश जारी करते हुए कहा की राज्य ऐसे कैदियों का डेटा 15 दिन के भीतर एक चार्ट के रूप में दें। साथ ही कोर्ट ने NALSA से कहा कि वो ऐसे सभी कैदियों को कानूनी सहायता सहित सभी सहायता प्रदान करेगा।

4-सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र राजनीतिक संकट के संबंध में शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी समूहों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई टली।

संविधान पीठ में शामिल जस्टिस कृष्ण मुरारी की तबियत खराब होने के चलते आज संविधान पीठ नही बैठी। सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट से जुड़े कुछ मुद्दों पर विचार के लिए एक बड़ी संवैधानिक पीठ की आवश्यकता हो सकती है। इसने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से शिवसेना के सदस्यों के खिलाफ जारी किए गए नए अयोग्यता नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए भी कहा था। शिवसेना के दोनों धड़ों द्वारा दायर की गई विभिन्न याचिकाएं शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित हैं।

5-हाईकोर्ट और निचली अदालतों में जजों की संख्या दोगुनी करने और मामलों के निपटारे के लिए न्यायिक चार्टर लागू करने के लिए कदम उठाने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका को अश्वनि कुमार उपाध्याय ने अपनी याचिका को सुप्रीम कोर्ट से वापस लिया।

कोर्ट ने याचिका वापस लेने की अनुमति दी। मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि इलाहाबाद में 160 जजो के पद खाली है जिसे भरना मुश्किल है। आप 320 जजों की बात कर रहे हैं। सीजेआई ने याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय से पूछा कि क्या आप बॉम्बे हाइकोर्ट गए हैं? एक भी जज नही जोड़ा जा सकता, क्योंकि ढांचागत व्यवस्था ही नही है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की सामान्य जनहित याचिकाओं पर हम विचार नही कर सकते।

अधिक न्यायधीशों को जोड़ना इसका जवाब नही हो सकता है। फिर इलाहाबाद में 320, 640 क्यों जोड़ें? कोर्ट ने कहा आपके द्वारा देखी जाने वाली हर बुराई के लिए जनहित याचिका की जरूरत नहीं है। याचिका में कहा गया था कि देश मे ट्रायल कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लगभग पांच करोड़ मामले लंबित है और उनके विलंबित निपटान से त्वरित न्याय के नागरिकों के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है। देश मे 25 हइकॉर्ट्स में न्यायधीशों के कुल स्वीकृत पद 1079 है और एक रिपोर्ट के मुताबिक 414 में रक्त है।

6-सूत्र-सीमा विवाद पर महाराष्ट्र सरकार के कानूनी कदम को चुनौती देगी कर्नाटक सरकार

कर्नाटक सरकार का मत है कि किसी भी राज्य की सीमा या अस्तित्व का निर्धारण सिर्फ भाषाई आधार पर नहीं होता है. राज्य का बंटवारे का आधार वित्तीय, आर्थिक और प्रशासनिक कारकों को मद्देनजर रख कर किया जाता है. ऐसे में किसी भी राज्य के पुनर्गठन अधिनियम को चुनौती देना असंवैधानिक है.

महाराष्ट्र और कर्नाटक- इन दो राज्यों की सीमा पर स्थित बेलगाम जिला जिसे बेलगावी भी कहा जाता है। यह विवाद भारत के बड़े राज्यों के सीमा विवादों में से एक है। इस जिले में बड़ी आबादी मराठी और कन्नड़ भाषा बोलती है और लंबे वक्त से यह क्षेत्र इस विवाद का केंद्र रहा है। बता दें कि 1956 में जब इन दो राज्यों का पुनर्गठन किया गया था, तो कुछ जिले कर्नाटक के अंतर्गत आए।

इसके पहले यह क्षेत्र बॉम्बे जो अब महाराष्ट्र है, उसके अंतर्गत आते थे। जब यह मामला बढ़ गया तो केंद्र सरकार ने इस मामले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश मेहर चंद महाजन ने एक आयोग का गठन किया। यह मामला अभी तक सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इसे लेकर इन दिनों विवाद और भी जयादा बढ़ गया है.

7-यूक्रेन युद्ध की वजह से भारत वापस आये छात्रों को भारत में पढ़ाई पूरी करने की इजाज़त देने की मांग।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार से पॉलिसी से जुड़े मामले में अपना पक्ष रखने को कहा।सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।केंद्र सरकार ने बताया कि जुलाई 2022 के बाद ऐसे छात्रों को असाधारण छूट नहीं दी जा सकती है।याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील मेनिका गुरुस्वामी ने कहा कि यहां इतने जिला अस्पताल उपलब्ध हैं, क्या हम छात्रों के मेडिकल करियर को बचाने के लिए कुछ नहीं कर सकते हैं, यह एक ऐसा देश है जहां डॉक्टरों की कमी है, मानवीय आधार पर हमको इनकी मदद करनी चाहिये।

ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि हम इन छात्रों की भारत मे शिक्षा प्रणाली में दखल दिये बिना मदद करना चाहते है।वकील ने कहा यह छात्र भारत में मेडिकल परीक्षा पास नहीं कर पाए थे जिसके कारण यह विदेश में पढ़ाई करने गए थे, कैसे भारतीय मरीज़ों के इलाज की इजाज़त इनको दी जा सकती है, यह सभी छात्र मिड सैम के हैं।चीन से वापस भारत भेजे गए मेडिकल छात्रों को भारत में पढ़ाई करने की इजाज़त देने की भी मांग किया।

चीन से वापस आये छात्रों के वकील ने कहा चीन ने वहां कोरोना के मामलों के बढ़ने के कारण मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को 7 वें सेमेस्टर के बीच में वापस भारत भेज दिया था, अब यह तीन सेमेस्टर की पढ़ाई फिजिकल मोड में नहीं पाएंगे।चीन से वापस आये छात्रों के वकील ने कहा कई राज्यों ने चीन से वापस आये छात्रों को अपने यहां रजिस्ट्रेशन की इजाज़त दिया है लेकिन केरल और तमिलनाडु ने इसकी इजाजत नहीं दिया है क्योंकि उनके यहां क्लीनिकल ट्रेनिंग फिजिकल नहीं होती है, मद्रास हाईकोर्ट ने इनके रजिस्ट्रेशन की इजाज़त दी थी।

8-जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय हिंसा मामले में जवाब दाखिल करने के लिए दिल्ली हाइकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया है।

एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है। 13 दिसंबर को कोर्ट इस मामले में अगिला सुनवाई करेगा। याचिका में इस हिंसा की जांच एसआईटी से कराने और दिल्ली पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। याचिका में प्रदर्शनकारियो के खिलाफ आंसू गैस के गोले, मिर्च आधारित विस्फोटक और रबर की गोलियों का उपयोग करने पर सवाल उठाये गए हैं। 15 दिसंबर 2019 की जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय परिसर के पास CAA के विरोध में कई प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों को चोट आई। विरोध में कुछ सार्वजनिक परिवहन में आग लगा दी गई और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुचाया गया।

9-CIC उदय माहुरकर के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​​​कार्यवाही शुरू करने की मांग

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर एक वकील ने उदय माहुरकर के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मंजूरी के लिए अटॉर्नी जनरल कार्यालय में पत्र भेजा

केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय महुरकर ने एक आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय इमाम संगठन बनाम भारत संघ मामले में अपने फैसले में सार्वजनिक खजाने से इमामों/मुअज्जिनों को वित्तीय लाभ की मंजूरी देकर संविधान का उल्लंघन किया है।

10-जम्मू-कश्मीर परिसीमन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई टली।

सुप्रीम कोर्ट अब 30 नवंबर को सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने कहा था कि वह इस मामले में कुछ और दस्तावेज दाखिल करना चाहती है। इस पर कोर्ट ने सरकार को अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की इजाजत दे दी थी। याचिका में केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के लिए परिसीमन आयोग के गठन के सरकार के फैसले को सांविधानिक प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुए चुनौती दी गई है।

11-संविधान के अनुच्छेद 51A में निर्धारित मौलिक कर्तव्यों को लागू करने की मांग।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में केंद्र सौर राज्य सरकार की तरफ से जवाब दाखिल नहीं करने पर नाराजगी जताई।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा केंद्र और राज्य सरकार ने अगर तय समय में हलफनामा दाखिल नहीं किया तो 25 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाएंगे।सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि AG ने पिछली बार जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था लेकिन अभी तक केंद्र ने जवाब नहीं दाखिल किया, सिर्फ यूपी और कर्नाटका ने जवाब दाखिल किया है।

एडवोकेट आन रिकार्ड दुर्गा दत्त ने अधिवक्ता करुणाकर महालिक के माध्यम से यह याचिका दायर किया है।पहले पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने याचिका पर आपत्ति जताई थी।AG ने व्यक्तिगत हैसियत से अपनी राय रखते हुए कहा था कि क़ानून मंत्रालय की वेबसाइट पर मौलिक कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के लिए उठाये कदमों की जानकारी है। जहां तक इस बारे में कानून बनाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग है, कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिये।

Delhi Court

1-दिल्ली दंगो में आरोपी उमर खालिद की अंतरिम ज़मानत का मामला।

दिल्ली की कड़कड़डुमा कोर्ट में आज मामले की सुनवाई टली।कड़कड़डुमा कोर्ट इस मामले में तीन दिसंबर को अगिला सुनवाई करेगा।दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को अंतरिम ज़मानत देने का विरोध किया था।

दिल्ली पुलिस ने कहा था उमर खालिद को ज़मानत देने से समाज में अशांति फैल सकती है।उमर खालिद ने अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए 2 हफ्ते की अंतरिम जमानत मांग किया है।उमर खालिद ने कहा कि इस दौरान ऐसी कोई हरकत नहीं करेगा, जिससे कानून व्यवस्था को खतरा हो।

2-राऊज एवेन्यु कोर्ट ने तिहाड़ जेल से सतेंद्र जैन की मेडिकल रिपोर्ट तलब की है।

अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी। सतेंद्र जैन के वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट को बताया कि जेल में रहते हुए सतेंद्र जैन का वजन घट गया है।लेकिन जेल में नियमित तौर पर उनका वजन नहीं नापा जा रहा है ताकि ये सच उजागर न हो जाये ।तिहाड़ जेल की ओर से बताया गया कि अभी सतेन्द्र जैन का वजन 75 किलोग्राम है।

सत्येंद्र जैन के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि कोर्ट ने प्रथम दृष्टया यह माना है कि आरोपी सत्येंद्र जैन का वजन उनके उपवास और उसमें लिए गए आहार के कारण कम हुआ था। लेकिन हर दिन, हर हफ्ते, हर महीने वजन लेना होता है. क्या उन्होंने इसे ले लिया है? जब से LG आए हैं, उन्होंने क्या किया है? क्या यह जेल नियमों का उल्लंघन नहीं है। पूर्वाग्रह के कारण वे यह नहीं दिखाना चाहते कि जैन ने कितना वजन कम किया है। वे वजन पर चुप हैं। भगवान न करे इसे कुछ हो जाए, क्या यह उनकी जिम्मेदारी नहीं है ?

स्पेशल जज विकास ढुल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेल प्रशासन से पूछा कि सत्येंद्र जैन का मौजूदा वजन कितना है ?जेल प्रशासन ने कोर्ट को बताया कि सत्येंद्र जैन का इस वक्त 75 किलोग्राम वजन है।सत्येंद्र जैन के वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट से कहा कि सत्येंद्र जैन का 8 किलो वजन बढ़ा है। हमारे यहां कानून का राज है या नहीं? क्या इसकी जांच नहीं होनी चाहिए?

कोर्ट ने कहा कि मैंने आपको नहीं रोका है।राहुल मेहरा ने आगे कहा कि अगर प्रक्रिया में गड़बड़ी हो रही है तो क्या माननीय कोर्ट इस पर ध्यान नहीं देंगे ?सत्येंद्र जैन के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि वे खुद को शासक और हमें अपनी प्रजा मानते हैं। ये जो हो रहा है वो ब्रिटिश राज में होता था। कोई मौलिक अधिकार नहीं है। मानवाधिकार नही।

3-दिल्ली दंगो में UAPA के तहत आरोपी खालिद सैफी की ज़मानत का मामला

दिल्ली हाईकोर्ट में आज मामले की सुनवाई टली.दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई कर रही पीठ की अनुपलब्धता के चलते सुनवाई टली.दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की अगली कल सुनवाई होगी.यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के संस्थापक खालिद सैफी ने दिल्ली हाईकोर्ट में ज़मानत याचिका दाखिल किया है

खालिद सैफी के अलावा, आरोपियों शिफा उर रहमान, सलीम खान, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और सलीम मलिक ने निचली अदालत द्वारा अपनी जमानत याचिका खरिज करने के फैसले को दिल्ली HC में चुनौती दी है

4-कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान को साकेत कोर्ट से नही मिली राहत।

साकेत कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व विधायक आशिफ मोहम्मद की जमानत अर्जी को खारिज किया।कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान को पुलिस के साथ बदसलूकी और धमकाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।आसिफ ने आप के अबुल फजल से काउंसलर के उम्मीदवार वाजिद पर आरोप लगाया था कि उन्होंने इमाम को पैसे दिए और अपने हक़ में वोटों की अपील कराई, इसी को लेकर आसिफ ने लोगो को इकट्ठा किया और अपना भाषण देने लगे मौके पर पुलिस पहुंची। पुलिस ने लोगो को इकट्ठा करने को लेकर अनुमति दिखाने को कहा, इस पर आसिफ आग बबूला हो गए और पुलिस कर्मी के साथ बदसलूकी कर दी

5-श्रद्धा हत्याकांड में आरोपी आफ़ताब पर कल हुए हमले का मामला

दिल्ली पुलिस की वैन पर हमला करने वाले लोगो को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा।कल आफ़ताब के FSL लैब से निकलते समय कुछ लोगों ने दिल्ली पुलिस की वैन पर तलवार से हमला कर दिया था।पुलिस ने रात को मजिस्ट्रेट से वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश करने की रिक्वेस्ट की थी।

जिसके बाद तड़के वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जज के सामने पेश किया गया।श्रद्धा हत्याकांड में आरोपी आफ़ताब का 1 दिसंबर को होगा नार्को टेस्ट।साकेत कोर्ट ने आफ़ताब के नार्को टेस्ट की इजाज़त दिल्ली पुलिस को दी।आफ़ताब के नार्को टेस्ट पर साकेत कोर्ट के जज जस्टिस अविरल कुमार ने सुनाया फैसला।साकेत कोर्ट ने मामले में बंद कमरे में सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

Bhawna
Bhawna

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