राजस्थान की एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ ने आत्महत्या कर ली थी, दाखिल याचिका के अनुसार मरीज की मृत्यु के बाद उसके परिजन राजनैतिक दबाव डाल रहे थे, डॉक्टर के पति को परेशान किया जा रहा था।
दिल्ली- राजस्थान की एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ की आत्महत्या का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारिक की तरफ से दाखिल जनहित याचिका में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक विस्तृत गाइडलांइंस की मांग करते हुए एसोसिएशन ने स्त्रीरोग विशेषज्ञ की आत्महत्या की सीबीआई जांच की मांग की है।
पूरी सुरक्षा की मांग
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से वकील शशांक देव ने याचिका दाखिल करते हुए मांग की है कि देशभर में डॉक्टरों के खिलाफ मरीजों के परिजनों के हमलें बढ़ गये हैं। आय दिन किसी न किसी डॉक्टर को हाथापाई का शिकार होना पड़ता है। याचिका में मांग की गयी है कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक विस्तृत गाइडलाइंस तो बनाई ही जाऐ, साथ ही जिन डॉक्टरों ने इस तरह की घटनाओं में अपनी जान गंवा दी है, उनके परिजनों को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाऐ।
पुलिस स्टेशन में मेडीको-लीगल सेल बनायें राज्य
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में मांग की गयी है कि प्रत्येक जिले के पुलिस थानों में एक-एक मेडीको-लीगल सेल का गठन किया जाऐ। ये सेल पूरी तरह से डिजिटली फिट हो। किसी भी लापरवाही की शिकायत को दोनों पक्षों के अनुसार गहन जांच की जाऐ।
प्रधानमंत्री को लिखा था पत्र
एसोसिएशन ने अपनी याचिका में कहा है कि देश भर में डॉक्टरों पर हो रहे हमलों को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को एसोसिएशन ने एक पत्र भेजा था। पत्र में प्रधानमंत्री से डॉक्टरों पर हो रहे हमलों और उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत की थी। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से कोई कदम जब नहीं उठाये गये तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
महिला डॉक्टर की आत्महत्या पर सीबीआई जांच
राजस्थान की एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ की आत्महत्या के मामले में सीबीआई जांच की मांग भी याचिका में की गयी है। याचिका में कहा गया है कि डॉक्टर एक मरीज का इलाज कर रही थी, कुछ दिनों के बाद मरीज की मौत हो गयी। मरीज के परिजन लगातार लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पति को मरीज के परिजन लोकल राजनैतिक व्यक्तियों से दबाव डलावा रहे थे। जिसके चलते महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। याचिका में पूरे मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की गयी है।