सुप्रीम कोर्ट में आज

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1-मुख्यमंत्री कार्यालय को लोकायुक्त के दायरे में लाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अंतिम सुनवाई करेगा।

यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील शिव कुमार त्रिपाठी की ओर से दायर की गई है

याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है वह कानून में संशोधन कर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय को लोकायुक्त के दायरे में लाया जाए।

याचिका में कहा गया कि ‘उत्तर प्रदेश लोकायुक्त एवं उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1975’ की मौजूदा स्थिति लोकायुक्त को ‘‘पर्याप्त शक्तियां नहीं देतीं जिस उद्देश्य और लक्ष्य के लिये इसे बनाया गया था।’’


2- गुजरात में मोरबी पुल ढहने की घटना की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग के गठन की मांग वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 नवंबर को सुनवाई करेगा।

गुजरात के मोरबी में मच्छू नदी पर बना ब्रिटिश काल का पुल ढहने से मरने वालों की संख्या 134 हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने याचिका में कहा कि दुर्घटना सरकारी अधिकारियों की लापरवाही और घोर विफलता को दर्शाती है।

जनहित याचिका में कहा गया है कि पिछले एक दशक में हमारे देश में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जहां कुप्रबंधन, कर्तव्य में चूक और रखरखाव की लापरवाही के कारण बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने के मामले सामने आए हैं जिन्हें टाला जा सकता था।

3-देश के हाई प्रोफाइल लोगों से ठगी करने का आरोपी द्वारा जेल ट्रांसफर की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 नवंबर को सुनवाई करेगा।

सुकेश चंद्रशेखर ने अपनी याचिका में कहा है कि जेल में सीआरपीएफ परेशान कर रही है। सुकेश ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि जब से उसने सत्येंद्र जैन को लेकर चिट्ठी लिखी है तब से उसे धमकियां मिल रही है।

4-छत्तीसगढ़ के नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले के आरोपी अनिल टुटेजा की अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग वाली ईडी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 नवंबर को सुनवाई करेगा।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा थ मामले से जुड़े सारे दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट के पास है लिहाजा मामले की सुनवाई निचली अदालत अगले आदेश तक न करे।

सुप्रीम कोर्ट में ईडी ने अर्जी दाखिल कर मामले को छत्तीसगढ़ से बाहर ट्रांसफर करने की भी मांग की है।


5-देश भर में बेघर और भिखारियों के लिए कोविड टीकाकरण की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 नवंबर को सुनवाई करेगा। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील कुश कालरा ने दायर की है। जिसमें बेघर, भिखारियों और आवारा लोगों के लिए टीकाकरण और पुनर्वास की मांग की गई थी, जो चिकित्सा सुविधा या टीकाकरण प्राप्त करने में असमर्थ हैं और संक्रमित होने पर सामाजिक दूरी या अलगाव का पालन नहीं कर सकते हैं।


6-आप के पूर्व अध्यक्ष और इंडिया पोस्ट लिमिटेड के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एन श्रीनिवासन के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 नवंबर को सुनवाई करेगा।

सीबीआई ने श्रीनिवासन को इस मामले में तीसरे नंबर का आरोपी बनाया है। श्रीनिवासन की माने तो सीबीआई के पास उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

7- मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही यूपी बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी की पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 नवंबर को सुनवाई करेगा।

उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के बाद मधुमणि त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में जमानत पर रिहा करने की मांग की गई है। साथ ही यह निवेदन किया गया है कि, उनको जेल में रहते हुए सत्रह साल से ज्यादा का समय हो गया है। उनका जेल में आचरण हमेशा अच्छा रहा है।

उन्होंने अपनी सजा माफ करने के लिए गृह सचिव उत्तराखंड व राज्यपाल को मई 2021 से लेकर 22 सितम्बर 2021 तक कई बार जेल प्रशासन गोरखपुर के माध्यम से शेष सजा माफ करने के लिए पत्राचार किया। लेकिन उत्तराखंड सरकार ने इस मामले पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं की। जबकि न्यायालय ने इस पर निर्णय लेने को कहा था लिहाजा उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए।

सेशन कोर्ट देहरादून ने 2004 में मधुमिता हत्या मामले में अमरमणि व मधुमणि को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उसके बाद दोनों देहरादून, हरिद्वार के बाद अब गोरखपुर जेल में हैं।

8-भूमि अधिग्रहण अधिनियम में किए गए बदलाव के खिलाफ दायर मेधा पाटकर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 नवंबर को सुनवाई करेगा।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने पीठ ने कहा था कि इन राज्यों ने अधिनियम में बदलाव कर इसके मूल को ही खत्म कर दिया।

सामाजिक सुरक्षा और लोगों की आजीविका को नजरअंदाज कर अधिनियम में बदलाव किया गया, जो कि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। भूषण ने कहा था कि इस बदलाव से किसानों और जमीन मालिकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

9-कालका जी मंदिर के पुनर्निर्माण कार्यक्रम के अंतर्गत अधिकारियों से मंदिर के आसपास बसे पुजारियों को उनकी संपत्ति से बेदखल नहीं करने का निर्देश देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 नवंबर को सुनवाई करेगा।

मंदिर के पुजारियों ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा था, इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देशानुसार पुनर्विकास करने में कोई बाधा नहीं होगी, लेकिन इसमें वहां उपस्थित याचिकाकर्ता पुजारियों को बेदखल नहीं किया जाना चाहिए।

10-दिल्ली के शराब नीति घोटाले में पकड़े गये आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज विजय नायर की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट 21 नवंबर को सुनवाई करेगा।


विजय नायर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि नई आबकारी नीति के केस से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां सीबीआई और ईडी ने मीडिया में लीक किया है।

इस मामले में अब हाईकोर्ट ने सीबीआई-ईडी को कहा है कि जो आधिकारिक प्रेस रिलीज जारी की गई है उसे हाईकोर्ट के समक्ष रखा जाए।


11-प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की निरस्त ‘आबकारी नीति’ से जुड़ी अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार फार्मा व शराब कंपनियों के दो शीर्ष अधिकारी बिनोय बाबू और अरबिंदो फार्मा के पूर्णकालिक निदेशक और प्रवर्तक शरत चंद्र रेड्डी को 21 नवंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा।

ये दोनों सरकारी अफसरों के साथ मिलकर दिल्ली की आबकारी नीति को बनाने में संलिप्त थे और पूरे नेटवर्क को संगठित रूप देने में भी उनकी भूमिका थी।

12-दिल्ली की तिहाड़ जेल से कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन का वीडियो वायरल के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट 21 नवंबर को सुनवाई करेगा।

वीडियो लीक होने के बाद सत्येंद्र जैन की कानूनी टीम प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की मांग को लेकर विशेष कोर्ट पहुंची है।

जैन की कानूनी टीम का आरोप है कि ईडी ने कोर्ट में दिए गए हलफनामे के बावजूद सीसीटीवी वीडियो लीक किया है।

13- प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके तीन सदस्यों के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दायर आरोप पत्र पर पटियाला हाउस कोर्ट 21 नवंबर को विचार करेगा।

आरोपपत्र में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के अलावा परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास और अब्दुल मुकीत को भी आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है।

ईडी की तरफ से चार्जशीट में बताया गया कि आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने PFI की ओर से नकद दान में सक्रिय भूमिका निभाई है और अज्ञात और संदिग्ध स्रोतों के जरिये PFI की बेहिसाब नकदी को बेदाग और वैध बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई है। ईडी

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