संविधान दिवस समारोह,पीएम मोदी, किरेन रिजिजू,सीजेआई समेत कई लोग शामिल

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26 नवंबर यानि आज संविधान दिवस समारोह मनाया जा रहा हैं इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू, चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ समेत सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को सदस्य शामिल हुए। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल कोर्ट ऐप को लॉन्च किया।

इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाया

विकास सिंह ने कहा कि कॉलेजियम सिस्टम में सुधार की ज़रूरत है,निजी तौर पर जानकर नियुक्ति करना एक गलत प्रक्रिया है,कॉलेजियम में ऐसा कोई सिस्टम नहीं है कि वह यह जान सके कि किस कोर्ट में किस तरह के वकील है, बहुत से हाई कोर्ट और लॉ फर्म में अच्छे वकील है, जिनकी न्यायलय में नियुक्ति की जानी चाहिए।

विकास सिंह ने एंटी डिफेक्शन लॉ में सुधार की जरूरत पर जोर दिया, दलबदल कानून पर सख्ती के साथ दागी नेताओं पर भी कानूनी शिकंजा कसने के उपाय होने की भी बात कही।

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू संविधान दिवस समारोह में न्याय के लिए क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व पर जोर दिया उन्होंने कहा की न्याय तक पहुंच के लिए समग्र समाधान की योजना है,भारत के विशाल क्षेत्र में न्याय तक पहुँचने के लिए भाषा भी एक बाधा है, इसलिए अदालतों में स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने की जरूरत है। बीसीआई ने अंग्रेजी से स्थानीय भाषाओं में कानूनी सामग्री का अनुवाद करने के लिए सभी भारतीय भाषाओं के लिए एक सामान्य कोर शब्दावली विकसित करने के लिए पूर्व सीजेआई बोबडे की अध्यक्षता में भारतीय भाषा समिति का गठन किया है।ये समिति आम लोगों को स्थानीय भाषाओं में कानून की पुस्तकों और फैसलों को पहुंचाने का काम करेगा,अदालतों को क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल की भी अनुमति दी जाएगी।

किरेन रिजिजू ने इस समारोह में कई महत्वपूर्ण जानकारी भी दी,उन्होंने बताया कि ‘कॉमन कोर वोकैबुलरी’ तैयार करने पर काम किया जाएगा, जिसमें 65,000 कानूनी शब्दों की शब्दावली बनाई जा रही है,कानूनी शब्दावली को एकत्र करने और डिजिटाइज़ करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं,वकीलों, अदालतों को स्थानीय भाषाओं में काम करने की अनुमति देने के लिए पूर्व सीजेआई बोबडे के नेतृत्व में भारतीय भाषा समिति की स्थापना की गई है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सबको संबोधित किया और अपने संबोधन में इस बार संविधान दिवस क्यों विशेष है इस बात को बताया, प्रधानमंत्री ने संबोधन में कहा कि भारत ने आजादी के 75 साल पूरे किए हैं। प्रधानमंत्री ने देश को संविधान दिवस की शुभकामना दी। साथ ही,प्रधानमंत्री मोदी ने आज 26 नवम्बर को मुंबई में हुए आतंकी हमले को भी याद किया है,और मुबई आतंकी हमले में शहीद पुलिसवालों और मृतकों को श्रद्धांजलि दी और कहा, 14 साल पहले भारत जब अपने संविधान का दिवस मना रहा था तब आतंकियों ने देश पर सबसे बड़ा आतंकी हमला किया।मुंबई आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

पीएम मोदी ने कहा,संविधान की प्रस्तावना के पहले तीन शब्द- ‘We The People’ केवल शब्द नहीं हैं… ये एक आह्वान है, एक प्रतिज्ञा है, एक विश्वास है। भारत पूरे समर्थ और विवधताओं को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है, इसके पीछे हमारा संविधान है। भारत के संविधान ने देश की सभी साहित्य भावना को समाहित किया हुआ है।देश की माताओं बहनों और गरीबों का शशक्तिकरण हो रहा है।आम लोगों के लिए देश के कानून को सरल बनाया जा रहा है।15 अगस्त को लाल किले से कर्तव्यों की बात को बल दिया था।

आज़ादी का अमृत काल देश के लिए कर्तव्य काल है

भारत हर चुनौती को पार करते हुए आगे बढ़ रहा है। भारत को G20 की अध्यक्षता मिलने वाली है।भारत की मदर ऑफ डेमोक्रेसी की छवि को और मजबूत करना है।संवैधानिक विषयों पर युवाओँ को डिबेट का हिस्सा बनना चाहिये, ताकि उनकी संविधान को लेकर समझ और दिलचस्पी बढ़ेगी। संविधान सभा में 15 महिलाएं शामिल थी, जब हमारे युवा उनके बारे में जानेंगे तो उनमें संविधान के महत्व की उत्सुकता बढ़ेगी.भारत की Mother of Democracy के रूप में जो पहचान है, हमें उसको और भी अधिक सशक्त करना है। हमारे संविधान की स्पिरिट ‘Youth Centric है। आज संविधान दिवस पर मैं देश की न्यायपालिका से एक आग्रह भी करूंगा कि- युवाओं में संविधान को लेकर समझ बढ़े इसके लिए डिबेट और डिस्कशन को बढ़ाना चाहिए।

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