माफ़ी नहीं माँगेगे प्रशांत भूषण , कहा अंतरात्मा की अवमानना स्वीकार नहीं ! सुप्रीम कोर्ट में लिखित दलील दाखिल

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ट्वीट मामले में वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के मामले में उनके वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित दलील दाखिल की है. इसमें सुप्रीम कोर्ट से अवमानना का दोषी ठहराने के फैसले को वापस लेने की मांग की गई है. साथ ही कहा है कि इस मामले में भूषण को कोई सजा नहीं दी जानी चाहिए.  

प्रशांत भूषण ने अपने विवादित ट्वीट को लेकर अवमानना मामले में जवाब दाखिल किया। उच्चतम न्यायालय पहले ही फैसला सुरक्षित रख चुका है। उच्चतम न्यायालय  ने प्रशांत भूषण को आज तक (24अगस्त ) का मौका दिया था कि वो बिना शर्त माफ़ी मांग लें। प्रशांत भूषण ने जवाब में कहा है कि मेरे ट्वीट्स सद्भावनापूर्वक विश्वास  के तहत थे, जिस पर मैं आगे भी कायम रहना चाहता हूं। इन मान्यताओं पर अभिव्यक्ति के लिए सशर्त या बिना शर्त की माफी निष्ठाहीन होगी।. ऐसी ही बात अटार्नी जनरल ने भी कही है.

गौरतलब है कि 20 अगस्त को प्रशांत भूषण अवमानना मामले में जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने सजा पर सुनवाई टाल दी थी। कोर्ट ने उनको अपने लिखित बयान पर फिर से विचार करने को कहा था और उन्हें इसके लिए दो दिन समय भी दिया था। प्रशांत भूषण के जवाब के बाद 25 अगस्त को उच्चतम न्यायालय इस मामले में सजा का एलान कर सकता है।इस मामले में अधिकतम छह महीने की सजा या जुर्माना या फिर दोनों ही हो सकती है।इसके अलावा उच्चतम न्यायालय सांकेतिक सजा भी दे सकता है।

उनका कहना है कि उनके बयान सद्भावनापूर्ण थे और अगर वे माफी मांगेंगे तो ये उनकी अंतरात्मा और उस संस्थान की अवमानना होगी जिसमें वो सर्वोच्च विश्वास रखते हैं। वर्तमान विवाद जैसी टिप्पणियां सार्वजनिक क्षेत्र में जस्टिस लोकुर, कुरियन जोसेफ और एपी शाह, अरुण शौरी और अन्य द्वारा भी की गई हैं और समाचार पत्रों और टीवी द्वारा रिपोर्ट की गई हैं.

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