नियमित अदालतों की जगह कभी नहीं ले सकती वर्चुअल कोर्ट: जस्टिस चंद्रचूड़

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सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मार्च से जुलाई के बीच लॉकडाउन के दौरान भारत की अदालतों में 18 लाख से ज्यादा याचिकाएं दायर हुईं। उन्होंने कहा कि वर्चुअल अदालतों को बेहद विशेष परिस्थितियों में स्थापित किया गया है और यह हमेशा नहीं रहने वाली है। एक बार फिर अदालतें अपना काम शुरू करेंगी।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने शनिवार को नासिक में देश के पहले ई-गवर्नेंस सेंटर के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान कहा कि 24 मार्च से 24 जुलाई तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान देशभर की अदालतों में 18,03,327 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 7,90,112 मामलों का निपटारा कर दिया गया।

इस दौरान महाराष्ट्र की जिला अदालतों में 2,22,431 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 61,986 मामलों का निपटारा किया गया। जस्टिस चंद्रचूड़ के मुताबिक, कोरोना संकट के दौरान वर्चुअल अदालतों ने लोगों को न्याय दिलाया है। हालांकि ये कभी भी खुली अदालतों का स्थान नहीं ले सकतीं। इन्हें बेहद विशेष परिस्थितियों में स्थापित किया गया है और जल्द ही नियमित अदालतों में सुनवाई शुरू होगी।

Mamtesh
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