जम्मू कश्मीर के परिसीमन का मामला

0
165

जम्मू कश्मीर के परिसीमन का मामला

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

SG तुषार मेहता ने पक्ष रखा

जम्मु-कश्मीर के परिसीमन मामलें पर सुनवाई जारी रखते हुए सॉलिसिटर जनरल, तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि याचिकाकर्ता ने क़ानून के प्रावधानों को चुनौती नहीं दी है। भारत के संविधान को देखें.. याचिकाकर्ता ने संवैधानिक चुनौती भी नहीं दी है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 2019 से पहले परिसीमन अधिनियम लागू नहीं था

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 2020 में परिसीमन आयोग का गठन किया गया था। इसके बाद बार-बार जहां आपत्ति मांगी गई, लेकिन ये याचिका 2022 में दाखिल की गई, जब परिसीमन खत्म हो चुका है और गजट मे नोटिफाई भी हो चुका है.सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा याचिका मे सवाल उठाया गया था कि केवल जम्मू-कश्मीर ही क्यों लागू किया गया और उत्तर पूर्वी राज्यों को क्यो छोड़ दिया गया है.

इसका जवाब यह है कि 2019 में नॉर्थईस्ट इलाके में भी परिसीमन लागू हो गया है, लेकिन उस समय उत्तरपूर्वी राज्यो मे आंतरिक अशांति की वजह से परिसीमन नहीं हो सका। जम्मू कश्मीर परिसीमन को लेकर दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित।सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here