
दिल्ली- जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाये जाने को निदंनीय करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि केवल गरीबों को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि अमीरों की तरफ देखा भी नहीं जा रहा।
“ अगर आप (एमसीडी) सचमुच अवैध निर्माण पर कार्यवाही करना चाहते हैं तो दिल्ली के सैनिक फार्म जाऐं या गोल्फलिंक जायें, जहां हर दूसरा मकान अवैध बना हुआ है, लेकिन आप उनको छूना नहीं चाहते, केवल गरीबों को निशाना बना रहे हैं”।

सीनियर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट में जमीयत उलेमा ए हिंद की तरफ से पेश हो रहे थे जो कि दंगाग्रस्त जहांगीरपुरी इलाके में चले रहे अवैध निर्माण को गिराने की कार्यवाही को रोकने की मांग कर रहे थे।
सीनियर एडवोकेट का कहना था कि हनुमान जंयती के दौरान जहांगीरपुरी में जो सांप्रदायिक दंगा हुआ है, उसमें केवल एक मजहब के लोगों को टारगेट किया जा रहा है।
सीनियर एडवोकेट ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दिल्ली में 731 अवैध कालोनियां हैं जबकि केवल मुस्लिम बाहुल इलाके जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण को ही टारगेट किया जा रहा है। सीनियर एडवोकेट ने कहा कि जहांगीरपुरी में दंगों के कुछ दिनों बाद भाजपा के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को पत्र लिखकर दंगाईंयों पर बुलडोजर चलाने को कहा था।
“ कैसे बीजेपी अध्यक्ष एमसीडी के कमिश्नर को अवैध निर्माण गिराने के लिए निर्देश दे सकता है और एमसीडी गिराने भी लगती है?” सीनियर एडवोकेट ने सुप्रीम कोर्ट से कहा।
“ पुलिस और सिविल अथॉरिटी संविधान से चलने के लिए बाध्य हैं ना कि किसी बीजेपी अध्यक्ष के पत्र लिखने से। बीजेपी नेता की इच्छा सिविल एथॉरिटी के लिए आदेश के तरह हो गया। ये बतौर राष्ट्र दुखद बात है” सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कोर्ट को बताया।
सुनवाई के दौरान सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने दुष्यंत दवे के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि, ये किसी एक मजहब को निशाना बनाने के लिए नहीं किया गया था। अवैध निर्माण गिराये जाने का आदेश अदालती आदेश है। इसके साथ ही सॉलीसीटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि नोटिस जारी किए गये थे, लेकिन अदालत के साथ वो लोग नहीं हैं जिनको नोटिस मिले थे। जबकि सुप्रीम कोर्ट के सामने संस्थाऐं याचिकाऐं लेकर आयी हैं।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए जहांगीरपुरी में चल रही अवैध निर्माण को गिराये जाने की कार्यवाही पर अगले दो हफ्ते तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश जारी किया है।