
Pahalgam में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में पर्यटकों की सुरक्षा की मांग को लेकर जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि गृह मंत्रालय और राज्यों को पहाड़ी स्थानों पर आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बल की तैनाती के निर्देश दिए जाएं।
जम्मू-कश्मीर के Pahalgam में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं।
इस घटना के बाद पहाड़ी इलाकों में पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। अधिवक्ता विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्यों को पहाड़ी राज्यों और दूरदराज के स्थानों पर आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपाय करने और उन स्थानों पर सशस्त्र बल तैनात करने के निर्देश देने की मांग की गई है, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
याचिका में पर्यटन स्थलों, विशेषकर दूरदराज के पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में उचित चिकित्सा सुविधाएं स्थापित करने के निर्देश देने की भी मांग की गई है। ताकि आपातकालीन स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा सके। याचिका में कहा गया है कि उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन क्षेत्र पर निर्भर करती है, क्योंकि गर्मियों के मौसम में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। आतंकी हमले इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में पर्यटकों के लिए सुरक्षा उपाय करना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
याचिका में कहा गया कि पहलगाम हमले में किसी भी तरह की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है, जबकि यह एक संवेदनशील क्षेत्र है। ऐसे स्थानों की सशस्त्र सुरक्षा होनी चाहिए। केवल ऐसे उपायों से ही हम पर्यटकों को आतंकी हमलों से बचा सकते हैं। याचिकाकर्ता ने कश्मीर में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश देने की मांग की है।