Sunday, May 18, 2025

New path to justice reform: भारत के पहले राष्ट्रीय मध्यस्थता सम्मेलन पर एक आसान भाषा में नजर

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India

भारत के पहले राष्ट्रीय मध्यस्थता सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस नए विधिक उपाय की अहमियत और देश के लिए इसके भविष्य को स्पष्ट किया।

परिचय
समाचार डेस्क, नई दिल्ली, 5 मई: India में ‘मेडिएशन एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ की शुरुआत और मई 2025 में पहला ‘नेशनल मेडिएशन कॉन्फ्रेंस’ आयोजित किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह स्पष्ट किया कि झगड़ों को अदालत से बाहर सुलझाने के लिए मेडिएशन पर सरकार और सिस्टम दोनों गंभीर हैं। यह तरीका आम लोगों के लिए भी सरल और प्रभावी हो सकता है।

1. संविधान और कोर्ट की सोच

राष्ट्रपति मुर्मू ने मेडिएशन को संविधान के मूल विचारों से जोड़ा, जैसे कि न्याय, समानता और भाईचारे की भावना। यह सिद्धांत नए नहीं हैं, बल्कि भारतीय न्याय व्यवस्था का हिस्सा हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी बार-बार कहा है कि कोर्ट के बोझ को कम करने और जल्द न्याय देने के लिए मेडिएशन को अपनाना आवश्यक है।

2. मेडिएशन एक्ट 2023: बड़ा बदलाव

मेडिएशन एक्ट 2023 ने इस विधि को कानूनी दर्जा दिया है। अब यदि किसी विवाद का समाधान चाहें, तो अदालत जाने से पहले भी दोनों पक्ष मिलकर सुलह कर सकते हैं, और यह सुलह कानून के तहत मान्य होगी। यह एक्ट स्पष्ट करता है कि मेडिएटर की नियुक्ति कैसे होगी, उनकी ट्रेनिंग कैसी होगी, और यह सिस्टम कैसे चलेगा।

3. हमारी देसी परंपराओं की वापसी

भारत में पंचायतों के माध्यम से झगड़े सुलझाने की प्राचीन परंपरा रही है। लेकिन ब्रिटिश शासन के दौरान इसे धीरे-धीरे छोड़ दिया गया। अब मेडिएशन कानून के तहत इस परंपरा को फिर से जीवनदान दिया जा रहा है ताकि लोगों को न्याय दिलाने के पारंपरिक तरीके को अपनाया जा सके।

4. गांवों में मेडिएशन की ज़रूरत

राष्ट्रपति मुर्मू ने विशेष रूप से यह बात उठाई कि मेडिएशन का लाभ सिर्फ शहरों तक सीमित न हो, बल्कि इसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी पंचायतों के माध्यम से लागू किया जाए। इससे न केवल समय और पैसा बचेगा, बल्कि लोग कोर्ट-कचहरी के चक्कर से बच सकेंगे। इसके लिए हमारे वेबसाइट पर और अधिक जानकारी उपलब्ध है।

5. भरोसे और प्रोफेशनलिज्म का ताना-बाना

मेडिएशन को एक संगठित और प्रभावी प्रणाली बनाने के लिए पेशेवरों की आवश्यकता है। इस उद्देश्य से मेडिएशन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की स्थापना की गई है ताकि ट्रेनिंग, एथिक्स और सिस्टम को स्थापित किया जा सके। इसके अलावा, यह टेक्नोलॉजी और विभिन्न भाषाओं में भी सेवाएं प्रदान करेगा। द लॉ हेल्पलाइन पर इसकी और जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

6. बिज़नेस और इकोनॉमी में भी मददगार

जब किसी विवाद का समाधान जल्दी और सस्ते में हो, तो बिज़नेस की गति तेज होती है। मेडिएशन छोटे कारोबार, स्टार्टअप्स और इंटरनेशनल बिज़नेस के लिए भी अत्यधिक लाभकारी हो सकता है। इससे ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और ‘ईज ऑफ लिविंग’ दोनों को बढ़ावा मिलेगा। यह प्रक्रिया वीडियो में भी समझाई गई है।

निष्कर्ष
भारत में अब मेडिएशन को लेकर जो माहौल बना है, वह एक नई सोच की शुरुआत है। इसमें झगड़ों को कोर्ट ले जाने से पहले सुलझाने की पहल की जा रही है, जो भविष्य में एक सस्ता, तेज और प्रभावी तरीका साबित हो सकता है। जब भारत 2047 में एक विकसित राष्ट्र बनेगा, तब मेडिएशन को देश के न्यायिक ढांचे का अहम हिस्सा माना जाएगा।


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