सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के हलफनामे पर AIMPLB ने जताई आपत्ति
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने वक्फ संपत्तियों के आंकड़ों को लेकर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया है। AIMPLB का कहना है कि सरकार ने वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (WAMSI) पोर्टल पर गलत जानकारी दी है, जिससे वक्फ संपत्तियों की संख्या में वृद्धि का झूठा दावा किया गया है।
AIMPLB के अनुसार, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा है कि 2013 से पहले पंजीकृत सभी वक्फ संपत्तियों को WAMSI पोर्टल पर तुरंत अपलोड कर दिया गया था, जो कि तथ्यात्मक रूप से गलत है। बोर्ड ने इस हलफनामे को “झूठा” करार देते हुए संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
केंद्र सरकार का दावा और AIMPLB की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में दावा किया है कि 2013 में वक्फ संपत्तियों की संख्या 18 लाख 29 हजार एकड़ थी, जो 2025 तक 39 लाख एकड़ से अधिक हो गई है। AIMPLB ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि सरकार ने पोर्टल पर दिख रही सभी संपत्तियों को 2013 में ही पंजीकृत मान लिया है, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है।
बोर्ड ने कहा है कि सरकार के हलफनामे में यह नहीं बताया गया है कि 2013 में सभी पंजीकृत वक्फ संपत्तियों को वेब पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया था। AIMPLB ने सरकार द्वारा पेश किए गए चार्ट की प्रामाणिकता पर भी सवाल उठाया है और कहा है कि पोर्टल के प्रभारी अधिकारी ने या तो जानबूझकर इस तथ्य को छुपाया है या लापरवाही से ऐसा चार्ट बनाया है जो गलत तस्वीर पेश करता है।
सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 5 मई को सुनवाई होने वाली है। AIMPLB ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह केंद्र सरकार के हलफनामे की सत्यता की जांच करे और संबंधित अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करे।
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