दिल्ली हाईकोर्ट ने “शरबत जिहाद” मामले में Baba Ramdev को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि वे किसी के नियंत्रण में नहीं हैं और अपनी ही दुनिया में जीते हैं। कोर्ट ने रामदेव को हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ विवादास्पद बयान और वीडियो जारी करने के लिए प्रथम दृष्टया अवमानना का दोषी पाया।
यह मामला तब शुरू हुआ जब रामदेव ने 3 अप्रैल को पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रूह अफजा पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने बिना नाम लिए कहा था कि एक कंपनी का शरबत बेचकर मस्जिद और मदरसे बनाए जाते हैं।
जस्टिस अमित बंसल ने 22 अप्रैल के कोर्ट आदेश का उल्लंघन मानते हुए अवमानना नोटिस जारी किया, जिसमें रामदेव को हमदर्द के उत्पादों पर कोई बयान या वीडियो साझा करने से मना किया गया था। कोर्ट ने रामदेव के हलफनामे और नए वीडियो को अवमानना के दायरे में माना और उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया।
हमदर्द के वकील मुकुल रोहतगी ने इसे “हेट स्पीच” और “सांप्रदायिक विभाजन” का मामला बताया। मामले की अगली सुनवाई जल्द हो सकती है, जिसमें रामदेव को जवाब देना होगा।
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