
🧑⚖️ सुप्रीम कोर्ट की कड़ी चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए कहा कि हम स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ गैर-जिम्मेदाराना बयानों की इजाजत नहीं देंगे. दरअसल मामला वीर सावरकर पर आपत्तिजनक बयानबाजी करने का हैं, इस मामले की सुनवाई जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने की.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, “इस बार सावरकर हैं, अगली बार कोई कहेगा कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के नौकर थे. अगली बार ऐसी बयानबाजी की तो हम स्वत: संज्ञान लेंगे.” हालांकि राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फटकार भरी चेतावनी के साथ राहत भी दी और निचली अदालत में चल रहे इस मुकदमे में कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
📣 न्यायपालिका से सीख: “ऐसी बयानबाजी न करें”
जस्टिस दीपांकर दत्ता ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा, “आप एक पॉलिटिकल पार्टी के नेता हैं. आप क्यों ऐसी टिप्पणी करेंगे? आप महाराष्ट्र जाकर सावरकर पर बयान देते हैं, जहां उनकी पूजा होती है. आपको ऐसा नहीं करना चाहिए.”
राहुल गांधी ने लखनऊ की एक निचली अदालत द्वारा जारी समन और वहां चल रही कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा:
“क्या राहुल गांधी को पता है कि महात्मा गांधी ने भी अंग्रेजों से समानता में ‘आपका वफादार सेवक’ शब्द का इस्तेमाल किया था? क्या उन्हें पता है कि उनकी दादी ने भी स्वतंत्रता सेनानी को पत्र भेजा था? उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए।”
🧾 सिंघवी का स्पष्टीकरण और कोर्ट की प्रतिक्रिया
अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि राहुल गांधी का इरादा किसी को दुख देने का नहीं था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा:
“आप एक राजनेता हैं, आपको इस तरह की टिप्पणी क्यों करनी चाहिए? ऐसा मत करो. अगर आपका इरादा ऐसा नहीं था तो ये टिप्पणी क्यों की?”
कोर्ट ने कहा कि “हम आपके खिलाफ चल रहे मुकदमे में कार्रवाई पर स्टे तो लगा देंगे, लेकिन आपको ऐसे बयान देने से रोकेंगे. हम बहुत स्पष्ट हैं. अगर आपने आगे से कोई भी ऐसी बयानबाजी की तो हम स्वतः संज्ञान लेंगे, हम किसी को भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों पर टिप्पणी करने की अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलायी है और आप उनके साथ ऐसा व्यवहार करते हैं. आपकी सावरकर पर की गई टिप्पणी गैर-जिम्मेदाराना थी.”
⚖️ कानूनी कार्रवाई पर रोक, लेकिन चेतावनी जारी
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ राहुल गांधी की याचिका पर शिकायतकर्ता और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। इससे पहले, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उन्हें जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था।
राहुल गांधी पर IPC की धारा 153A (शत्रुता को बढ़ावा देना) और धारा 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान) के तहत आरोप लगाए गए हैं। यह मामला एडवोकेट नृपेंद्र पांडे ने दायर किया था, जिन्होंने राहुल गांधी पर महाराष्ट्र के अकोला में एक रैली के दौरान जानबूझकर सावरकर का अपमान करने का आरोप लगाया।
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