Sunday, May 18, 2025

कोर्ट में जज को मिली धमकी आरोपी ने कहा-‘तू है क्या चीज, बाहर मिल…

दिल्ली में एक कोर्ट की जज मंगला ने अपने आदेश में कहा कि आरोप साबित होने के बाद आरोपी और उसके वकील ने मानसिक तौर पर उन्हें परेशान किया और उन पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया।

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कोर्ट में जज को मिली धमकी आरोपी ने कहा- तू है क्या चीज, बाहर मिल…’,

दिल्ली में एक कोर्ट की जज मंगला ने अपने आदेश में कहा कि आरोप साबित होने के बाद आरोपी और उसके वकील ने मानसिक तौर पर उन्हें परेशान किया और उन पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया।

दिल्ली की एक कोर्ट उस समय सन्न रह गई जब एक आरोपी और उसके वकील ने चेक बाउंस मामले में आरोप साबित होने के बाद ओपन कोर्ट में महिला जज को धमकाया और गालियां दीं। साथ ही, आरोपी ने अपने पक्ष में फैसला न सुनाने पर जज पर कोई चीज फेंकने की भी कोशिश की। इसके बाद उसने अपने वकील को कहा कि वह अपने पक्ष में फैसला सुनाने के लिए हर संभव कोशिश करे।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट की माने तो 2 अप्रैल 2025 के आदेश अनुसार फैसला सुनने के बाद आरोपी गुस्से से भड़क गया और कोर्ट में जज को परेशान करना शुरू कर दिया। आरोपी ने जज से कहा, ‘तू है क्या चीज…कि तू बाहर मिल देखता है कैसे जिंदा घर जाती है। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट शिवांगी मंगला ने आरोपी को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत पनिशेबल ऑफेंस के लिए आरोपी ठहराया था और उसे अगली सुनवाई की तारीख पर धारा 437 ए सीआरपीसी के तहत जमानत बांड पेश करने का निर्देश दिया था।

महिला जज को मिली धमकी

जज मंगला ने अपने आदेश में कहा कि आरोप साबित होने के बाद आरोपी और उसके वकील ने मानसिक तौर पर उन्हें परेशान किया और उन पर अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया। जज ने धमकी और उत्पीड़न के जवाब में  महिला आयोग के सामने कार्रवाई की इच्छा जाहिर की है। जज ने आरोपी के वकील अतुल कुमार को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर एक्सप्लेनेशन मांगा है कि उसके साथ दुर्व्यवहार करने के लिए उनके खिलाफ क्रिमिनल कंटेंप्ट ​​की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।

कोर्ट ने कहा, ‘आरोपी अतुल कुमार के वकील को अदालती नोटिस जारी किया जाए कि वे लिखित में कारण बताएं कि आज उनके द्वारा किए गए आचरण के लिए एक्सप्लेनेशन दिया जाए और यह भी स्पष्ट किया जाए कि ऐसे दुर्व्यवहार के लिए उनके खिलाफ क्रिमिनल कंटेंप्ट ​​कार्यवाही शुरू करने के लिए उन्हें हाई कोर्ट को क्यों न भेजा जाए।’ कोर्ट ने आरोपी को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 437ए के तहत जमानत बांड भरने का भी निर्देश दिया। साथ ही वकील को अगली सुनवाई तक जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा गया है।

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